चंडीगढ़/पंचकूला, 26 अप्रैल (नस)
चंडीगढ़ में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने की हरसंभव कोशिश में जुटे यूटी प्रशासन ने अब शहर के गवर्नमेंट मेडिकल काॅलेज एंड हास्पिटल जीएमसीएच और सेक्टर- 48 स्थित अस्पतालों की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है। कोविड काल में मरीजों को लेकर किसी भी तरह की विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों में पुलिस कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। सोमवार को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) यशपाल गर्ग की अध्यक्षता में जीएमसीएच-32 के कमेटी रूम में बैठक हुई, जिसमें इन अस्पतालों में कोविड मरीजों की देखरेख और अन्य प्रबंधों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में जीएमसीएच के निदेशक, चिकित्सा अधीक्षक, संयुक्त निदेशक, वरिष्ठ डाक्टरों समेत नगर निगम के संयुक्त आयुक्त सौरभ अरोड़ा उपस्थित थे।
प्रमुख कार्यकारी अधिकारी यशपाल गर्ग ने अस्पतालों की सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस कर्मचारियों को तैनान करने बारे बल दिया। उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना काल में कोरोना संक्रमितों द्वारा प्रदर्शन के मामले सामने आए थे ऐसे हालात पर काबू पाने में पुलिस की मदद ली गई थी। डा. दासारी के मुताबिक सेक्टर -17 थाना पुलिस सूद धर्मशाला के नजदीक हर रोज गश्त करती है जबकि सूद धर्मशाला के नजदीक पुलिस को हर समय गश्त करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को एसएसपी के साथ साझा कर जीएमसीएच, सेक्टर-48 और सूद धर्मशाला के बाहर सुरक्षा कर्मचारी तैनात करने बारे कहा जाएगा।
अस्पतालों में अग्निशमन यंत्रों का प्रबंध
सीएचबी के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों को अस्पतालों में अग्निशमन यंत्रों के रखरखाव और इनके इस्तेमाल के बारे में जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में आग लगने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इनमें आक्सीजन की अधिक मात्रा भी एक कारण हो सकती है। ऐसे में आक्सीजन की खपत के मद्देनजर सुरक्षा के प्रबंध किए जाएं। जीएमसीएच-32 और सेकटर 48 में अग्निशमन यंत्र और फायर अलार्म सिस्टम पर ध्यान देने के बारे में कहा। उन्होंने कहा कि इन दोनों अस्पतालों में अग्निशमन यंत्रों का प्रबंधों को ध्यान में रखते हुए फायर डिपार्टमेंट से इनकी एनओसी ली जाए।
ऑक्सीजन और टीके की बर्बादी को रोकने के लिए प्रयास
प्रमुख कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि ऑक्सीजन और टीके की बर्बादी को रोकने के लिए संयुक्त प्रयास करने चाहिए। अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा के दृष्टिगत आक्सीजन और टीके की न्यूनतम बर्बादी होनी चाहिए। प्रमुख अधिकारी ने अस्पतालों में दवाइयां, कर्मचारियों की संख्या और ढांचागत सुविधाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने 5000 रेमडेसिविर का कोटा तय कर दिया है और तत्काल खरीद के लिए इसकी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।