हरियाणा में पंजाबी भाषा तीसरी कक्षा से पढ़ाई जाए : वड़ैच
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 13 फरवरी (हप्र)।
पंजाबी भाषा एवं अध्यापक विकास समिति हरियाणा के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोसायटी के संरक्षक पूर्ण सिंह वड़ैच के नेतृत्व में मंगलवार को अपनी मुख्य मांगों को लेकर शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर से चंडीगढ़ में मुलाकात की। प्रदेश महासचिव ने मांग की कि राज्य में पंजाबी को दूसरा दर्जा प्राप्त है और 50 लाख से अधिक लोग पंजाबी भाषी हैं। इसलिए सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पंजाबी भाषा को कक्षा 3 से शुरू किया जाना चाहिए।
शिक्षा नीति के मुताबिक प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दी जानी चाहिए। हरियाणा राज्य में इस नए सत्र से छठी से दसवीं तक त्रिभाषी फॉर्मूला लागू किया जाए और बच्चों को अपनी पसंद की तीन भाषाएं पढ़ने की छूट दी जाए। उन्होंने एक और मांग रखते हुए कहा कि सभी स्कूलों में पंजाबी लेक्चरर और अध्यापकों के पद दिए जाएं और खाली पदों को तुरंत खोला जाए और पंजाबी अध्यापकों और लेक्चररों की नियुक्ति की जाए और ट्रांसफर प्रक्रिया के दौरान पंजाबी अध्यापकों के पद कैपट न किए जाएं। क्योंकि पंजाबी भाषा केवल पंजाबी शिक्षक ही ठीक से पढ़ा सकते हैं । उन्होंने कहा कि संस्कृत और हिंदी विषयों की तरह योग्य पंजाबी शिक्षकों को भी वरिष्ठता सूची जारी करके व्याख्याता के पद पर पदोन्नत किया जाना चाहिए।
संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरदीप सिंह ने मांग की कि पंजाबी शिक्षकों की चल रही भर्ती जल्द पूरी की जाए, कौशल विषयों को भाषा का विकल्प न बनाया जाए, भाषा को भाषा का विकल्प बनाया जाए। उन्होंने मांग की कि पंजाबी साहित्य अकादमी का पद बहाल कर पंजाबी साहित्यिक गतिविधियां बढ़ाई जाएं। शिक्षा मंत्री ने संगठन के प्रतिनिधियों की मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर लफटेन सिंह शेरगिल कैथल, राज्य कमेटी सदस्य भूपिंदर सिंह कैथल, राज्य कमेटी सदस्य जसमत सिंह सैनी अंबाला, जिला सचिव निशान सिंह गिल कैथल, सुरिंदर पाल सिंह सचिव पंचकूला और अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।