चंडीगढ़, 4 दिसंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज (यूआईपीएस) की प्रोफेसर डॉ. नीलिमा ढींगरा को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ दिव्यंजन’ पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस पर नयी दिल्ली में प्रदान किया गया। डॉ. नीलिमा को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, विकलांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग के तहत, शिक्षा, अनुसंधान और पाठ्येतर सह-पाठ्यक्रम योगदान के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना गया था। इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति-पत्र, एक पदक और 2 लाख रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है। इस श्रेणी में (पुरुष, महिला, संस्थान, एनजीओ, सरकारी कार्यालयों) के तहत कुल 1.49 लाख से अधिक आवेदनों में से उच्चतम अंक प्राप्त करने पर महिला श्रेणी में व्यक्तिगत उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए डॉ. नीलिमा का चुनाव हुआ था।
डॉ. नीलिमा आर्य मॉडल सीनियर स्कूल, मोगा से हाई स्कूल की पढ़ाई के बाद 1994 में ग्रेजुएशन के लिए यूआईपीएस (पीयू) आयीं। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी पूरी की और 2012 में अपने पीयू फेकल्टी में शामिल होकर शिक्षाविदों में करियर बनाने का फैसला किया। एक मेडिसिनल केमिस्ट के रूप में प्रशिक्षित, वह आणविक जीव विज्ञान और फार्माकोलॉजी पर काम करते हुए नई रासायनिक संस्थाओं का संश्लेषण करती हैं। शोध कार्य में उनकी रचनात्मकता को 60 वैज्ञानिक लेखों, 2 यूएस, 2 यूरोपीय और 4 राष्ट्रीय पेटेंट, 2 पुस्तकों और 5 पुस्तक अध्यायों के साथ मान्यता मिली है। उन्हें मदर टेरेसा गोल्ड मेडल अवार्ड, इंदिरा वासुदेवन अवार्ड और डीएसटी-यंग साइंटिस्ट अवार्ड सहित 13 पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। वह यूआईपीएस के लिए सरकार (यूजीसी, सीएसआईआर, आईसीएमआर, डीएसटी) द्वारा वित्त पोषित 1 करोड़ रुपये की शोध परियोजनाएं लेकर आई हैं। अप्रैल 2019 में उन्होंने पीयू के विकलांग व्यक्तियों के लिए समान अवसर सेल के सह-समन्वयक रूप में जिम्मेदारी संभाली।