जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 25 अप्रैल
पंजाब विश्वविद्यालय सीनेट चुनाव एक बार फिर टल गये हैं हालांकि इस बार चुनाव की अगली डेट भी साथ ही घोषित कर दी है। अब फैकल्टी के छह फेलो के चुनाव 19 मई को होंगे। पिछले साल 15 अगस्त को स्थगित किये गये चुनाव पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर 26 अप्रैल को होने वाले थे। पीयू प्रशासन ने बढ़ते कोरोना मामलों को इसका आधार बताते हुए छह आर्डिनरी फेलो के चुनाव को री-शेड्यूल करने की बात कही है। रजिस्ट्रार एवं पीठासीन अधिकारी विक्रम नैयर ने कहा कि चूंकि फैकल्टी की आॅफलाइन या फिजिकल मीटिंग कोरोना प्रोटोकॉल के तहत यूटी प्रशासन द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों के कारण संभव नहीं थी (जो कि चुनाव का एक अनिवार्य अंग है), इसी कारण मीटिंग आनलाइन बुलायी गयी थी और संशोधित नोटिस जारी किया गया था। लेकिन इसी बीच, कुछ फैकल्टी मेंबरों के आग्रह के बाद ये चुनाव टाले जा रहे हैं। इन्हीं मेंबरों ने पीयू कैलेंडर में कोई प्रावधान न होने की बात कहते हुए आनलाइन मीटिंग की वैधता पर भी सवाल उठाये थे। इसीलिये पीठासीन अधिकारी ने लीगल राय लेने के बाद ये चुनाव टाल दिये।
इस बीच प्रो. केशव मल्होत्रा व प्रो. नवदीप गोयल ने इसे हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना बताते हुए चुनाव टालने को लोकतंत्र की हत्या बताया। उन्होंने कहा कि मतदान से महज 48 घंटे पहले चुनाव को टालना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इनका केवल एकमात्र एजेंडा लोकतांत्रिक प्रक्रिया को रोकना है। फैकल्टी को लिखे पत्र में केशव मल्होत्रा प्रो. नवदीप गोयल, प्रो. रौणकी राम, प्रो. राजेश गिल, अशोक गोयल, अनु चतरथ ने सभी सदस्यों से इसके खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया है।
पूसा चुनाव टालते वक्त ही मिल गया था संकेत
पंजाब विश्वविद्यालय प्रशासन ने 20 अप्रैल को पूसा (पंजाब यूनिवर्सिटी नान-टीचिंग स्टाफ एसोसिएशन) और पुकसा के चुनाव मतदान से ठीक दो दिन पहले टालकर एक तरह से संकेत तो पहले ही दे दिया था कि कोरोना को बहाना बनाकर सीनेट चुनाव भी आगे खिसकाये जा सकते हैं। हालांकि रजिस्ट्रार ने चुनाव शेड्यूल जारी कर फैकल्टी की मीटिंग भी आनलाइन कराने का फैसला लेकर आस जगा दी थी कि चुनाव शायद तय समय पर हो जायेंगे।