चंडीगढ़, 22 सितंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के बाद पंजाब विश्वविद्यालय के 58 से ज्यादा ऐसे टीचर्स को आज शाम को पीयू प्रशासन ने रिलीव कर दिया जिन्होंने 60 साल की आयु पार कर ली और नियमानुसार रिटायर हो गये थे। हाईकोर्ट में प्रो. अमरीक सिंह आहलूवालिया केस में दाखिल एलपीए 1505 के आधार पर ही राहत मांगने गये प्रो. केशव मल्होत्रा, प्रो. अश्विनी कौल, प्रो. प्रीति महाजन और प्रो. मनिंदर कौर को स्टे देने से मना करते हुए पहले अन्य प्रोफेसरों को दिये गये स्टे को भी वेकेट कर दिया था।
इन सभी रिलीव होने वाले टीचर्स को अब छह माह के भीतर कैंपस के मकान भी खाली करने होंगे। पीयू के रजिस्ट्रार प्रो. वाईपी वर्मा की ओर से आज सायं इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गये और सभी ऐसे प्रोफेसरों को रिलीव कर दिया गया जिन्होंने 60 साल की आयु पार कर ली थी। रजिस्ट्रार की ओर से कोर्ट में हलफनामा दिया गया था कि प्रो. जेके शर्मा ने तय समय से ज्यादा आफिशियल एकोमोडेशन (कैंपस मकान) जारी रखी जिसे 5 अगस्त को खाली किया। उन्होंने 19 मई को ओवर स्टे के बदले एक लाख का चेक जमा करा दिया है हालांकि कुछ देय अभी भी शेष है। हालांकि कोर्ट में संगीता भल्ला के पीयू को सेंट्रल दर्जे वाले मामले में अगली सुनवाई 20 अक्तूबर को होगी। पिछले छह साल से कोर्ट में केस चल रहा है जिनमें से 61 टीचर तो अपनी 65 साल की आयु भी पार कर चुके हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने स्टे वेकेट करने का आदेश दिया और साफ किया कि केस के दौरान की कोई भी रिकवरी याचिकाकर्ताओं से न की जाये। कैंपस में कोर्ट के इस आदेश के बाद से हड़कंप मचा हुआ है।
खटाई में पड़ सकता है नैक टीम का दौरा
पीयू में नैक (राष्ट्रीय प्रत्यायन एवं मूल्यांकन परिषद) टीम का दौरा खटाई में पड़ सकता है। हालांकि इसके लिये पीयू की ओर से अभी आधिकारिक तौर पर रिक्वेस्ट जानी है। लेकिन एक साथ इतने सारे टीचर रिटायर हो जाने से शिक्षक-शिष्य अनुपात में मिलने वाला स्कोर अवश्य प्रभावित हो सकता है। सूत्रों का तो ये भी दावा है कि हो सकता है नैक टीम फिलहाल दौरा ही न करे क्योंकि एक तय संख्या में रेगुलर टीचर्स का होना आवश्यक है, जो पीयू में अभी नहीं है।