चंडीगढ़, 16 जून (ट्रिन्यू)
छात्र संगठनों- पीएसयू, एसएफएस, एनएसयूआई, एएसए, पीयूआरएसए और सोपू पार्टी के दबाव के आगे झुकते हुए पीयू प्रशासन को लाइब्रेरी खोलने को विवश होना पड़ा। पिछले 16 दिन से लाइब्रेरी खोलने की मांग कर रहे इन सभी छात्र संगठनों की ओर से आज एक बड़े विरोध प्रदर्शन की संयुक्त कॉल दी गयी थी। हालांकि बारिश के चलते प्रदर्शन तो स्थगित कर दिया गया लेकिन लाइब्रेरी के बाहर छात्र इकट्ठा हो गये। लाइब्रेरी के सामने बैरिकेड देखकर छात्र भड़क गये। छात्रों को कल पुस्तकाल्य अध्यक्ष ने लाइब्रेरी खोलने का आश्वासन दिया था। कुछ ही मिनटों के भीतर लाइब्रेरी को छावनी में तबदील कर दिया गया जिस पर छात्र अकादमिक कैंपस में पुलिस की एंट्री बैन की मांग करने लगे। इस दौरान लाइब्रेरी के पहले तल पर पढ़ रहे रिसर्च स्कॉलरों ने लाइब्रेरी का दरवाजा खोल दिया और छात्र नारे लगाते हुए लाइब्रेरी में घुस गये। बाद में कुछ अधिकारी बात सुनने आये और आनन-फानन में लाइब्रेरियन डॉ. जीवेश बंसल के साथ मीटिंग की। मीटिंग के बाद लाइब्रेरी सभी के लिये खोल देने का ऐलान किया गया।
वैसे छात्रों की कुछ अन्य मांगें भी हैं जिनको लेकर छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि लॉकडाउन पीरियड को जीरो पीरियड माना जाये, सभी रिसर्च स्कॉलरों के लिये हॉस्टल खोले जायें, लड़कियों व लड़कों के हॉस्टल में एक-एक मैस कैंटीन और खोली जाये और झूठी शिकायतें वापस ली जायें। लाइब्रेरी के लिये हालांकि पीयू की ओर से कुछ निर्देश भी जारी किये गये हैं। आउटर रीडिंग हाल प्रात: 8 से रात 9 बजे तक आधी क्षमता के साथ खुलेगा। पहले व दूसरे तल पर रीडिंग हाल केवल रिसर्च स्कॉलरों के लिये प्रात: 9 से रात 8 बजे तक खुलेगा। एंट्री केवल आईकार्ड पर ही होगी और कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जायेगा।