जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 20 मई
पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) ने पीयू के चांसलर एवं देश के उप-राष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू को फिर एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि वे कुलपति को निर्देश दें कि वे राजनीति छोड़कर पंजाब विश्वविद्यालय को एक सकारात्मक नेतृत्व प्रदान करें। पूटा ने अपने पत्र में कहा है कि पीयू में इन दिनों बड़े संकट से गुजर रही है। कोई गवर्निंग बॉडी न होने से पूरी यूनिवर्सिटी में एक तरह के तदर्थवाद पर चल रही है। पीयू को चलाने के निर्णय मुट्ठीभर लोग अपनी मनमर्जी से बिना जवाबदेही के ले रहे हैं। कोरोना महामारी के इस दौर में नई चुनौतियों का सामना करने और फैकल्टी व स्टाफ को नई राह दिखाने की बजाय कुलपति घर में ‘छिपकर’ बैठ गये हैं जबकि रिसर्च स्कॉलर, फैकल्टी मैंबर और अन्य कर्मचारियों को रामभरोसे छोड़ दिया है। करिअर एडवांस्मेट स्कीम (कैस) के तहत मिलने वाली प्रमोशन का मामला हो या कोविड केयर सेंटर पर प्रबंधों की बात हो या फिर कर्मचारियों के लिये होम आइसोलेशन के लिये जगह देने की बात हो, कुलपति कोई निर्णय नहीं ले रहे बल्कि पूटा ही इन सब मसलों को प्राथमिकता के आधार पर उठा रही है। पूटा का कहना है कि इंटरनेट सेवाएं मजबूत करने और कंप्यूटर ढांचा मजबूत बनाने को भी कई बार कह चुके हैं मगर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
पूटा ने पीयू प्रशासन के कैस के मामले निपटाने को लेकर जारी बयान को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि ये सरासर झूठ है कि कैस इंटरव्यू रिकार्ड टाइम में निपटा दिये हैं। उनका कहना है कि सिंडिकेट/सीनेट की ओर से वे खुद ही निर्णय लिये जा रहे हैं जिनमें वित्तीय मसले भी शामिल हैं जबकि कैस प्रमोशनों को लेकर वे बोर्ड आफ फाइनांस की मिनट्स का बहाना बना रहे हैं और उलटा टीचर्स को ही सहयोग करने की बात कह रहे हैं। पूटा ने कहा है कि चांसलर उन्हें निर्देश दें कि वे कैस के तहत हुई प्रमोशनों के नियुक्ति-पत्र जल्द से जल्द जारी करें।
‘रिकार्ड समय में कराये कैस इंटरव्यू’
पीयू की ओर से जारी एक बयान मे कहा गया था कि पिछले 3 साल में कैस प्रमोशन उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रही है ताकि शिक्षण व शोध को और मजबूत किया जा सके। यूजीसी के रेगुलेशन को फाॅलो करके कैस प्रमोशन की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और विभिन्न विषयों के इंटरव्यू 3-4 लगातार करा दिये जाते हैं। अप्रत्याशित हालात के बावजूद रिकार्ड टाइम के भीतर इंटरव्यू कराये गये और सभी टीचर्स को लेटर एक उचित माध्यम से जारी करने पर विचार किया जा रहा है।
काॅलेजों को भेजा वर्क फ्राॅम होम का लेटर
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : पंजाब यूनिवर्सिटी ने भी पंजाब सरकार की तर्ज पर सभी एफिलिएटिड कालेजों को वर्क फ्राम होम करने को कहा है। पंजाब सरकार की ओर से जारी पत्र को सभी कालेजों को भेज दिया गया है जिसमें कालेजों को टीचिंग व नान-टीचिंग स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया और जरूरत के मुताबिक केवल 50 फीसदी स्टाफ को ही ड्यूटी पर बुलाये जाने को कहा है। इस पत्र में कहा गया है कि टीचिंग स्टाफ को अगले आदेशों तक घर से ही काम करने और आनलाइन कक्षाएं लेने को कहा जाये। साथ ही आदेशों में साफ किया गया कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बिना इजाजत के अपना स्टेशन न छोड़े और मोबाइल, ईमेल अथवा इलेक्ट्रानिक माध्यम से हमेशा उपलब्ध रहे ताकि आवश्यकता होने पर उन्हें बुलाया जा सके। पत्र में कहा गया है कि अगर कोई डीसी या अन्य अधिकारी कोविड संबंधी कोई ड्यूटी किसी अधिकारी या कर्मचारी की लगाता है तो उस पर ये आदेश लागू नहीं होंगे।