रंजू ऐरी डडवाल/ट्रिब्यून न्यूज़ सर्विस
चंडीगढ़, 8 अगस्त
वैश्विक महामारी कोरोना के फैलने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन व नगर निगम यह भूल ही गए की शहर को प्लास्टिक मुक्त करने के अभियान पर लाखों रुपये व्यय हो चुके हैं। करीब एक वर्ष पहले प्रशासन ने भी शहर को प्लास्टिक मुक्त करने की अधिसूचना जारी कर दी थी।
इसके बावजूद स्थिति यह है कि शहर की मंडियों और दुकानों में अब भी पॉलीथिन का इस्तेमाल हो रहा है। प्रशासन व निगम इसमें मूकदर्शक बने हैं। कोरोना में लगा प्रशासन व निगम का अमला भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
प्रशासन ने गत वर्ष जो अधिसूचना जारी की थी। उसके अनुसार कोई भी व्यक्ति पॉलीथिन का उपयोग नहीं कर सकता। ऐसा करने वालों पर भारी जुर्माने का प्रावधान रखा गया । चंडीगढ़ प्रशासन ने इन आदेशों का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए थे। इन आदेशों का पालन करने में विफल रहने वालों को पांच साल की सजा या 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं निगम के संबंधित एक अधिकारी का कहना था कि पीपीई किट को डिस्पोस करने की तो सरकार ने नीति तय की है व उसका अनुसरण हो रहा है पर प्लास्टिक के बैगों के इस्तेमाल की ओर अभी ध्यान नहीं जा रहा है।