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PGI को लगातार दूसरे वर्ष डीएचआर–आईसीएमआर समिट में राष्ट्रीय सम्मान

47 नई चिकित्सा शोध परियोजनाओं को मिली मंजूरी

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नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल से पीजीआई चंडीगढ़ की ओर से राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करते डॉ. संजय जैन, डीन (रिसर्च)। साथ में नीति आयोग के सदस्य प्रो. विनोद पॉल। -ट्रिब्यून फोटो
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PGI चंडीगढ़ ने एक बार फिर चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता का लोहा मनवाया है। नयी दिल्ली में आयोजित द्वितीय डीएचआर–आईसीएमआर हेल्थ रिसर्च एक्सीलेंस समिट 2025 में पीजीआई को ‘इंस्टीट्यूशनल एक्सीलेंस रिकग्निशन (एक्स्ट्राम्यूरल इंस्टीट्यूट: ओवरऑल परफॉर्मेंस इवैल्यूएशन)’ श्रेणी में राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया।

यह आयोजन भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की 114वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर पीजीआई की ओर से पुरस्कार डॉ. संजय जैन, डीन (रिसर्च) ने प्राप्त किया। उन्हें यह सम्मान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और नीति आयोग के सदस्य प्रो. विनोद पॉल ने प्रदान किया।

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व्यक्तिगत श्रेणियों में भी पीजीआई के वैज्ञानिकों ने संस्थान का नाम रोशन किया। हेपेटोलॉजी विभाग की डॉ. मधुमिता प्रेमकुमार को ‘पब्लिकेशन (पब्लिक हेल्थ/क्लिनिकल) एक्स्ट्राम्यूरल’ श्रेणी में उनके हेपेटाइटिस सी पर किए गए उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए सम्मानित किया गया। वहीं डॉ. वरिंदर गर्ग को ‘इनोवेशन एक्सीलेंस रिकग्निशन: पेटेंट–एक्स्ट्राम्यूरल’ श्रेणी में सम्मान प्राप्त हुआ। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के सहयोग से ‘क्वांटिटेटिव सेंसेरी टेस्टिंग सिस्टम देयरऑफ’ नामक अभिनव तकनीक का विकास किया है, जो न्यूरोलॉजिकल मूल्यांकन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति मानी जा रही है।

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संस्थान ने फिर बढ़ाया देश का गौरव

यह लगातार दूसरा वर्ष है जब पीजीआईएमईआर को डीएचआर–आईसीएमआर समिट में राष्ट्रीय स्तर पर यह प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त हुई है। इस उपलब्धि के साथ ही आईसीएमआर ने वर्ष 2025 के लिए पीजीआई में 47 नई चिकित्सा अनुसंधान परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। ये परियोजनाएं कैंसर, हृदय रोग, यकृत रोग, सार्वजनिक स्वास्थ्य और जैव-प्रौद्योगिकी जैसे विविध क्षेत्रों में नए शोध को प्रोत्साहन देंगी।

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