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जंतर-मंतर पर पीजीआई कांट्रेक्ट कर्मचारियों का धरना

90 करोड़ बकाया जारी करने की मांग
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पीजीआई कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) के नेतृत्व में 70 से अधिक प्रतिनिधियों और सदस्यों ने नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर संसद भवन के बाहर धरना दिया। इसमें ऑल पीजीआई कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन, सिक्योरिटी गार्ड यूनियन, किचन स्टाफ और पीजीआई सेटेलाइट सेंटर संगरूर के कर्मचारी शामिल रहे। संजीव कुमार, प्रभात कुमार, बलविंदर मलिक और राम लाल शर्मा ने कर्मचारियों को संबोधित किया।

जेएसी के चेयरमैन अश्विनी कुमार मुंजाल ने बताया कि समिति ने प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और श्रम मंत्री को ज्ञापन सौंपकर 12 दिसंबर 2014 की अधिसूचना के अनुसार सेवाओं के नियमितीकरण और 9 अक्तूबर 2018 तथा 30 जुलाई 2025 की अधिसूचनाओं के तहत 90 करोड़ रुपये के बकाया वेतन जारी करने की मांग उठाई।

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हटाए गए सिक्योरिटी गार्डों की सेवा बहाली भी प्रमुख मांगों में शामिल रही। इसी दौरान धरने के 18वें दिन पूरन दास और सुखपाल ने पीजीआई रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में 24 घंटे का अनशन शुरू किया, जबकि सुरेश कुमार और मंगत सिंह ने अपना अनशन समाप्त किया। दो दिसंबर को समिति पीजीआई पुलिस पोस्ट की सब इंस्पेक्टर बबीता द्वारा अनशन स्थल से टेंट हटवाने की कार्रवाई पर निर्णय करेगी। समिति ने भाजपा चंडीगढ़ अध्यक्ष जतिंदर पाल मलहोत्रा से मिलकर पुलिस की कथित मनमानी पर हस्तक्षेप की मांग भी रखी है।

 

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