चंडीगढ़, 21 नवंबर (ट्रिन्यू)
चंडीगढ़ फेडरेशन ऑफ सेक्टर वेल्फेयर एसोसिएशन तथा यूटी पावरमैन यूनियन ने बेहतर सेवायें व वित्तीय लाभ देने वाले बिजली विभाग के निजीकरण के प्रशासन के निर्णय की कड़े शब्दों में निन्दा की है। आज यहां आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में फॉसवेक तथा यूनियन के नेताओं ने कहा कि अभी बिजली एक्ट 2003 में संशोधन के लिए बनाया बिजली बिल 2020 संसद में पेश भी नहीं हुआ व उससे पहले ही आत्मनिर्भर भारत के नाम पर पैकेज देने के लिए केन्द्र शासित प्रदेशों के बिजली वितरण के निजीकरण का ऐलान कर सैकड़ों परिवारों को उजाड़ा जा रहा है।
फॉसवेक तथा पावरमैन यूनियन के नेताओं ने प्रशासन को अपील की है कि गैरकानूनी तौर पर किये जा रहे निजीकरण का फैसला तुरंत वापस ले तथा बिडिग सिस्टम को तुरंत रोका जाए अन्यथा जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए संयुक्त संघर्ष किया जाएगा तथा करोड़ों रुपये की सार्वजानिक संपत्ति कौड़ियों के भाव नहीं बेचने दी जाएगी।
बिजली विभाग के संबंध में इन लोगों ने कहा कि विभाग पिछले पांच सालों से लगातार मुनाफा कमा रहा है।
इन नेताओं का कहना था कि बीबीएमबी से पंजाब तथा हरियाणा की राजधानी होने के नाते तथा केन्द्र शासित प्रदेश के कोटे के मुताबिक 3.5 प्रतिशत शेयर 17 पैसे प्रति यूनिट मिलता है। 100 प्रतिशत निजीकरण के बाद बीबीएमबी के नियमों के मुताबिक यह हिस्सा निजी कंपनियों को नहीं मिल सकता उल्टा निजी कंपनी को मुनाफे की गांरटी देने के बाद बिजली की दरों में अथाह वृद्वि होगी जिसका नुक्सान भी आम जनता को भुगतना होगा।
26 को हड़ताल, ट्रेड यूनियन्स ने की बैठक
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : केंद्रीय ट्रेड यूनियन द्वारा 26 नवम्बर की ऑल इंडिया हड़ताल का आज चंडीगढ़ की प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने समर्थन किया। आज इस संबंध में हुई संयुक्त बैठक में एटक, एक्टू, सीटीयू (पंजाब), इंटक शामिल थे। बैठक में केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों को कमज़ोर करने, सरकारी उपकर्मों का निजीकरण कर पूंजीपतियों के हवाले कर आमजन का शोषण करने, फासीवादी एजेंडों को लागू कर साम्प्रदायिकता को फ़ैलाने के मंसूबों के ख़िलाफ़ उपस्थित ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा कि सेक्टर 17 में विशाल विरोध प्रदर्शन कर मेहनतकश विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की जाएगी। बैठक में एटक से कामरेड देवी दयाल, राजकुमार, एक्टू से कामरेड कंवलजीत सिंह, सतीश कुमार, सीटीयू से कामरेड सज्जन सिंह, इंदरजीत सिंह ग्रेवाल, इंटक से नसीब जाखड़ व कन्हैया लाल ने आवाज़ बुलंद की।