भारत भूषण/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 28 मई
चीजें खरीद कर आप खुशी हासिल नहीं कर सकते। चीजें पुरानी पड़ती जाती हैं और हम नई खुशियां हासिल करने की सोचने लगते हैं। वास्तव में सच्ची खुशी वही है, जो हमारे जीवन में संपूर्णता लाए और हमारे जीवन को सार्थक बनाए। जिंदगी में ईमानदारी, अनुशासन आवश्यक है। किसी विषय पर हमें जरूरत से ज्यादा सोच कर परेशान नहीं होना चाहिए। ट्रिब्यून समूह की ओर से आयोजित ‘एजु एक्सपो 2023’ में तीसरे दिन रविवार को बच्चों और माता-पिता को संबोधित करते हुए मोटिवेशनल स्पीकर एवं पूर्व आईएएस विवेक अत्रे ने यह बात कही। बच्चों ने एक-एक कर विवेक अत्रे के समक्ष जीवन और करियर संबंधी सवाल रखे, जिनका उन्होंने पूरी शिद्दत से जवाब दिया। अत्रे का कहना था कि लाइफ में दूसरों के साथ तुलना न करें, अपनी काबिलियत को पहचानें और आगे बढ़ते जाएं। उन्होंने बेहतरीन परिणाम लाने बच्चों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। एजु एक्सपो रविवार को बड़ी संख्या में बच्चे, युवा और अभिभावकों की उपस्थिति रही।
एक्सपो में मुख्य इवेंट पार्टनर के रूप में शामिल चितकारा यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट मैनेजर सौरभ राणा ने बताया कि सीएसई यानी कम्प्यूटर साइंस इंजीनयरिंग से संबंधित क्वेरीज बहुत मिली हैं। 9वीं, 10वीं और इससे ऊपर की कक्षाओं के बच्चों ने कम्प्यूटर साइंस से संबंधित कोर्सों और डिग्री के बारे में जानकारी हासिल की। शिशु निकेतन स्कूल सेक्टर-43 से 10वीं कक्षा में 92.40 प्रतिशत अंक लेकर पास हुए गौरांश पासी भी अपनी माता के साथ आईटी संबंधी काेर्सों की जानकारी लेने पहुंचे थे। उन्होंने एनिमेशन में भविष्य और बेहतर प्लेसमेंट को लेकर सवाल पूछे। छात्रा विदिशा तोमर ने प्रशासनिक सेवा में जाने की इच्छा जताई। उनका कहना था कि वह पॉलिटिकल साइंस पढ़ना चाहती हैं। डीएवी मॉडल सेक्टर-15 की छात्रा विदिशा ने 10वीं में 94.20 फीसदी अंक हासिल किए हैं। एक्सपो के दूसरे सत्र में मोटिवेशनल स्पीकर आदि गर्ग ने जीवन प्रेरक बातें सामने रखीं।
एक्सपो में एजुकेशन फील्ड से जुड़े विशेषज्ञों की राय रही कि बच्चों को भेड़चाल से बचना चाहिए, यानी जिस फील्ड में सबसे ज्यादा दिलचस्पी है, उसी को करियर की नजर से सामने रखकर चलना चाहिए। वहीं जरूरत इसकी भी है कि सबसे हटकर सोचा जाए। आज का समय अवसरों का है, अच्छे अंक लेकर भी वह सफलता हासिल नहीं की जा सकती, जो कि जीवन और करियर के प्रति व्यावहारिक अप्रोच रखकर हासिल की जा सकती है। यह भी कहा गया कि मान्यता है कि सबसे ज्यादा अंक लेने वाला ही सबसे ज्यादा सफल होगा, हालांकि 85 प्रतिशत के आसपास अंक लेने वाले विद्यािर्थयों की सफलता का पैमाना भी उच्च हो सकता है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि उन्होंने सिर्फ पढ़ाई नहीं अपितु जीवन में दूसरे अनुभव हासिल करने में भी वक्त लगाया है। यानी जीवन में सिर्फ अंक ही नहीं अनुभव बटोरना भी जरूरी है।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से दीपक पुरी ने बताया कि उनके पास सभी काेर्सों से संबंधित क्वेरीज आई हैं। शूलिनी यूनिवर्सिटी से विनम्र कौशल ने कहा कि यूनिवर्सिटी आईटी में एडवांस कोर्स उपलब्ध करवा रही है।