चंडीगढ़, 28 अगस्त (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा हिंदी माह उत्सव के तहत विशेष व्याख्यान/परिचर्चा श्रृंखला की तीसरी कड़ी में आज ‘हिंदीतर प्रदेशों में हिंदी’ विषय पर परिचर्चा हुई।
इस परिचर्चा में केरल से प्रो. शशिधरन ने कहा कि केरल में तो लोग हर भाषा से प्रेम करते हैं। हिंदी में तो जितनी विविधता है उतनी किसी और भाषा में नहीं है। यही वजह है कि पूरे भारत में हिंदी भाषी व्यक्ति को परेशानी नहीं होती है। तिरुपति से प्रो. राम प्रकाश ने बताया कि दक्षिण भारत में हिंदी विरोध की बात में दम नहीं है। मणिपुर विश्वविद्यालय से डॉ. ई विजय लक्ष्मी ने उत्तर भारत में हिंदी कि स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि वहां के सभी राज्यों में क्षेत्रीय भाषा के बाद हिंदी ही ऐसी भाषा है, जो व्यवहार में प्रयुक्त होती है।