चंडीगढ़ के नवनिर्वाचित महापौर रविकांत शर्मा ने जीत के बाद शहर के लिए अपनी प्राथमिकतायें गिनाईं। निगम के वित्तीय संकट के संबंध में उनका कहना था कि निगम में विकास के लिए कोई पैसे की कमी नहीं है। फिर भी अगर कोई आवश्यकता पड़ेगी तो सब मिल कर गृहमंत्रालय को प्रस्ताव भी भेजेंगे व शहर के लिए अतिरिक्त बजट की मांग की जायेगी। उनका कहना था कि पानी की बड़ी दरें हर हाल में वापस होंगी व शहर पर कोई नया कर नहीं लगेगा। जब भाजपा ने सत्ता संभाली थी तो निगम की अपने स्रोतों से आय करीब 117 करोड़ थी अब वह करीब 300 करोड़ हो गई है। शहर पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया जायेगा।
2 वोट रद होना चिंता का विषय : दुष्यंत
महापौर चुनाव में दो वोट रद्द होने पर पार्टी प्रभारी दुष्यंत गौतम ने इसे चिंता का विषय करार दिया। मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने पूरे मामले में पार्टी प्रधान अरुण सूद को कमेटी बिठाकर जांच किए जाने का कहा। उन्होंने कहा की पिछले पांच साल में पार्षद वोट डाल रहे हैं। कहीं न कहीं नियत में खोट जरूर है। उन्होंने कहा कि जांच में जो दोषी होगा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाया जायेगा।
चुनाव में लोकतांत्रिक व्यवस्था हुई तार-तार : कांग्रेस
चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा, पूर्व महापौर सुभाष चावला, दविंदर सिंह बबला, गुरबक्श रावत, शीला फूल सिंह, सतीश कैंथ, रविन्द्र गुजराल ने संयुक्त बयान में कहा कि जिस तरह आज नगर चुनाव में भाजपा के नेताओं, प्रिजाइडिंग ऑफिसर व सचिव द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई गईं उससे लोकतंत्र को शर्मसार होते सब ने देखा। जिस प्रशासन व नगर निगम के अधिकारियों ने आदेश दिए कि वोट के समय कोई कैमरा व फोन लेकर नहीं जाएगा, उन्हीं के आंखों के सामने मतपत्रों की फोटो खींचीं गई।