मोहाली पुलिस केस साबित करने में रही विफल, दुष्कर्म का आरोपी बरी
मोहाली, 29 मई (हप्र)जिला अदालत में दुष्कर्म मामले में हुई सुनवाई के दौरान आरोपी को बरी कर दिया गया। इसका कारण यह रहा कि मोहाली पुलिस जांच में पूरी तरह से विफल रही। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विक्रांत कुमार की अदालत ने आरोपी सुरेंदर को बरी कर दिया, जो पोक्सो और बलात्कार के मामले में आरोपी था। 24 जून 2023 को जीरकपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। सुरेंदर को 26 जून को गिरफ्तार किया गया और तीन दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर रखा गया। सुरेंदर पीडि़ता की मां के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था। जब वे साथ रह रहे थे, तब पीडि़ता और उसकी मां ने यह दावा करते हुए मामला दर्ज कराया था कि सुरेंदर ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया और वह गर्भवती हो गई। हालांकि, बचाव पक्ष के वकील ने अदालत को बताया कि यह एक झूठा मामला है। उन्होंने दिखाया कि मेडिकल रिपोर्ट पीड़िता और उसकी मां द्वारा किए गए दावों का समर्थन नहीं करती है। साथ ही वकीलों ने साबित किया कि घटना के समय सुरेंदर वहां मौजूद ही नहीं था। बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को साबित नहीं कर सका और उनके पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है। इसलिए अदालत ने सुरेंदर को बरी कर दिया और कहा कि वह दोषी नहीं है।
पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट के मुताबिक 13 अप्रैल को उसकी मां का सुरेंदर से किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। उसकी मां कमरा बंद करके सोने चली गई। सुरेंदर पीड़िता की मां से झगड़ा करके बाहर चला गया। कुछ देर बाद जब वह वापस लौटा तो वह नशे में था। नाबालिग अपने कमरे में अकेली सो रही थी। सुरेंदर उसके कमरे में आया और उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। सुरेंदर ने उसके मुंह पर कपड़ा बांध दिया और जबरन उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। वह डर गई और उसने अपनी मां को कुछ नहीं बताया।
चार्जशीट में आगे बताया गया है कि इसके बाद भी सुरेंदर ने उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए और वह गर्भवती हो गई। सुरेंदर गर्भपात के लिए किट और दवा लेकर आया, जिससे जटिलताएं पैदा हुईं और नाबालिग की तबीयत खराब हो गई। तबीयत खराब होने पर जब उसकी मां को शक हुआ तो नाबालिग ने पूरी घटना अपनी मां को बताई। जब उसकी मां ने उसका प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया तो वह पॉजिटिव निकला और मामले की सूचना पुलिस को दी गई।