चंडीगढ़, 20 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
चंडीगढ़ नगर निगम में महापौर की सदन की बैठक वर्चुअल कराने की जिद्द के चलते आज कांग्रेस, भाजपा व मनोनीत पार्षदों के आनलाइन न आने के कारण बैठक स्थगित करनी पड़ी।
निगम अधिकारियों का स्पष्टीकरण था कि कोरम पूरा न होने के कारण बैठक को स्थगित करना पड़ा। बैठक से पहले ही कांग्रेस ने तो वर्चुअल बैठक का विरोध किया था साथ ही भाजपा के करीब 11 पार्षदों ने पार्टी अध्यक्ष अरुण सूद को कह दिया था कि वह भाग नहीं लेंगे। आज बैठक से भाजपा पार्षद गायब रहे। मनोनीत पार्षद भी शामिल नहीं हुए।
भाजपा के पार्षद पानी के रेट रिवाइज करने का भी प्रस्ताव लाने की मांग कर रहे थे, लेकिन अधिकारियों ने फिर से यह प्रस्ताव लाने के लिए भी मना कर दिया था। वहीं भाजपा ने विज्ञप्ति जारी कर स्पष्टीकरण तो दिया पर उसमें अप्रत्यक्ष रुप से अपनी ही महापौर को इस सब का जिम्मेदार ठहरा दिया।
वक्तव्य में कहा गया कि भाजपा व अन्य दलों के पार्षदों का भी यह मत बन गया था कि सदन की बैठक निगम सदन में ही बुलाई जाए। शहर की अनेक समस्यायें हैं जिनपर पार्षद सदन में चर्चा
करना चाहते थे।
कांग्रेस पार्षद बैठे धरने पर
पानी की दरें बढ़ाने के विरोध में कांग्रेस के पांचों पार्षद महापौर आफिस के बाहर धरने पर बैठे और उनके खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस पार्षद देवेंदर सिंह बबला , सतीश कैंथ, रविन्द्र गुजराल, गुरबख्श रावत, शीला देवी इसमें शामिल थीं।