अमृतसर में डिपोर्टियों को उतारना पंजाब को बदनाम करने की साजिश
मोहाली (निस)
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीय नागरिकों को लेकर आए विमान को अमृतसर में उतारने के फैसले पर डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे पंजाब को बदनाम करने की साजिश करार दिया। बेदी ने बताया कि इस विमान में केवल 30 पंजाबी थे, जबकि 33 हरियाणा, 33 गुजरात और अन्य राज्यों के नागरिक भी शामिल थे। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि दिल्ली में चुनाव होने के कारण विमान को वहां नहीं उतारा गया, तो इसे गुजरात या मुंबई में क्यों नहीं लैंड कराया गया? उन्होंने इस कदम को पंजाब को टारगेट करने की एक और चाल बताया।
कुलजीत सिंह बेदी ने इसे भारत की विदेश नीति और प्रधानमंत्री की कूटनीतिक असफलता से जोड़ते हुए कहा कि प्रधानमंत्री खुद को अमेरिका के राष्ट्रपति का करीबी दोस्त बताते हैं, लेकिन जब भारतीयों के हक की बात आई, तो वह चुप रहे। उन्होंने कहा कि विदेश जाने के इच्छुक युवा रोजगार की तलाश में लाखों रुपये खर्च कर अमेरिका जाते हैं, लेकिन जब उन्हें धोखा मिलता है और वे डिपोर्ट कर दिए जाते हैं, तो भारतीय सरकार उनकी कोई मदद नहीं करती। डिप्टी मेयर ने मांग की कि जिन एजेंटों ने इन भारतीयों को गलत जानकारी देकर या धोखाधड़ी से विदेश भेजा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि इन एजेंटों ने युवाओं से करोड़ों रुपये ऐंठकर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया है।
बेदी ने कहा कि अब जब ये लोग भारत वापस आ चुके हैं, तो सिर्फ पंजाब नहीं, बल्कि उनके संबंधित राज्यों को भी उन्हें रोजगार देने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से विदेश जाने की प्रक्रियाओं को सुधारने की भी मांग की, ताकि कोई युवा ठगी का शिकार न हो।
