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जस्टिस गवई ने अनुच्छेद 39ए के महत्व पर दिया जोर

चंडीगढ़, 17 नवंबर (एजेंसी) सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस बीआर गवई ने हाशिये पर पड़े समुदायों को सशक्त बनाने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने में कानूनी सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर रविवार...
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चंडीगढ़, 17 नवंबर (एजेंसी)

सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस बीआर गवई ने हाशिये पर पड़े समुदायों को सशक्त बनाने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने में कानूनी सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर रविवार को विस्तार से चर्चा की।

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उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 39ए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समाज के वंचित, हाशिये पर पड़े और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता के अधिकार की गारंटी देता है, तथा उन लोगों के लिए न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करता है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, जस्टिस गवई ने ये विचार यहां चंडीगढ़ न्यायिक अकादमी में आयोजित राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान साझा किए, जिसका विषय था ‘‘हाशिये पर पड़े लोगों का सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय की ओर एक कदम।’’ विज्ञप्ति में कहा गया है कि सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान तथा जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ताशी राबस्तान भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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