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‘केरला स्टोरी’ के बाद मैंने पुलिस प्रोटेक्शन लेने से किया था मना : निर्देशक विपुल शाह

तीन दिवसीय अखिल भारतीय चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल के समापन

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पंचकूला में रविवार को अखिल भारतीय चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल के समापन अवसर के दौरान ‘मास्टर क्लास’ में स्टेज साझा करते मशहूर फिल्म निर्देशक।-हप्र
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पंचकूला, 25 फरवरी (हप्र)

प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक विपुल शाह ने कहा कि ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म नहींल उनकी जिम्मेदारी थी। उन्होंने कहा,‘अगर इसे नहीं बनाता, पूरी जिंदगी अफसोस रहता। इस फिल्म की जरूरत थी कि वह बने ही।’ विपुल शाह रविवार को तीन दिवसीय अखिल भारतीय चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल के समापन अवसर के दौरान ‘मास्टर क्लास’ में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,‘ जब मैंने केरला स्टोरी बनाना तय किया, तो मैंने अपनी पत्नी से कहा कि यह फिल्म बनाने के बाद हमारी जिंदगी बदल जाएगी। हो सकता है कि उसके बाद पूरा जीवन पुलिस प्रोटेक्शन में रहना पड़े या बालीवुड हमें ब्लैकलिस्ट कर दे। मेरी पत्नी ने कहा कि आप यह फिल्म बनाओ। हमने पुलिस प्रोटेक्शन लेने से मना कर दिया, क्योंकि यह मेरा देश है। भारत में रहते हुए मैं खुल कर बोलूंगा और खुलकर जीवन व्यक्ति करुंगा,लेकिन प्रोटेक्शन नहीं लूंगा।

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विपुल शाह ने एक फिल्म निर्देशक की विशेषताओं को मास्टर क्लास में रेखांकित करते हुए कहा कि अगर उसमें संवेदना है और वह उसे महसूस करता है,तभी वह अच्छा निर्देशक हो सकता है। उन्होंने कहा कि फिल्म के लेखक सुदीप्तो सेन की कहानी सुन कर मेरी आंखों में आंसू आ गए थे।

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यह पूछे जाने पर पर कि हालीवुड की फिल्में कमाई का एक हजार करोड़ का आंकड़ा पार कर जाती है, लेकिन हमारी फिल्में यह नहीं कर पातीं? इस सवाल के उत्तर में विपुल शाह ने कहा कि हालीवुड की फिल्में एक साथ 50 हजार थिएटरों में रिलीज होती है,जबकि हमारी फिल्में पांच हजार थिएटरों में रिलीज होती हैं। ‘ओ माई गाड टू’ के लेखक और निर्देशक अमित राय ने इस अवसर पर कहा कि अगर कोई निर्देशक अच्छा है तो इसका अर्थ है कि चीजों को देखने का तरीका अलग होगा। कोई भी कहानी खुद निर्देशक को खोज लेती है। हरियाणवी फिल्म लेखक तथा निर्देशक हरिओम कौशिक ने भी मास्टर क्लास में जिज्ञासा को शांत किया। प्रसिद्ध फिल्मकार अमिताभ वर्मा ने कहा कि कला भी समाज का दर्पण होती है। अब फिल्मों में एक बदलाव आया है। बड़े सितारे भी राम और रामत्व की भूमिकाओं में आ रहे हैं।

फिल्म फेस्टिवल के समापन अवसर पर 31 फिल्मों की हुई स्क्रीनिंग

तीन दिवसीय पांचवें चित्र भारती फेस्टिवल का समापन मास्टर क्लास, 133 फिल्मों की स्क्रीनिंग के साथ हुआ। रैड बिशप कांप्लेक्स में चल रहे फिल्म फेस्टिवल के तीसरे दिन 31 फिल्मों की स्क्रीनिंग हुईं। इनमें 8 शार्ट फिल्में, 8 डाक्यूमेंट्री, 11 कैंपस एनएफ (डाक्यूमेंट्री) और चार कैंपस प्रोफेशनल फिल्में शामिल रहीं। “भारत की बात” विषय पर सुप्रसिद्ध फिल्म लेखक अमिताभ वर्मा और विनोद अनुपम ने मास्टर क्लास ली। वहीं दूसरी मास्टर क्लास फिल्म डायरेक्शन पर थी, जोकि विपुल अमृत लाल शाह, अमित राय और आकाशादित्य लामा ने ली।

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