पिंजौर, 16 फरवरी (निस)
गत 27 अक्तूबर, 2016 को एचएमटी ट्रैक्टर प्लांट पिंजौर को केन्द्र सरकार द्वारा बंद कर हजारों कर्मियों को वीआरएस देकर निकाल दिया गया था। 4 वर्ष से भी अधिक समय से बंद पड़ी फैक्टरी में हजारों करोड़ रुपये की मशीनरी को जंग लग रहा है। शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष विजय बंसल ने मंगलवार को पीएम नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्रालय को ज्ञापन भेजकर प्लांट को रिवाइव करने की योजना बनाने की मांग की है।
बंसल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने बिना किसी भावी योजना के फैक्टरी बंद कर हजारों कर्मियों को बेरोजगार कर दिया और सैकड़ों इन्सेलरीज एंव लघु उद्योगों पर ताले लग गए। फैक्टरी कर्मियों पर निर्भर अन्य हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर आंच आ गई है लेकिन लगभग 5 साल बीतने के बाद भी न तो फैक्टरी यूनिट को चलाया गया और न ही कोई और प्लांट लगाया गया जिससे हजारों करोड़ की 55 किस्मों की 550 मशीनें खराब हो रही हैं। फैक्टरी के अंदर ट्रेक्टर निर्माण के लिए लगभग 15 करोड़ रुपये के स्पेयर पार्ट्स भी पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि एचएमटी मुख्यालय, बैंगलूरु ने अब तक प्रदेश सरकार के एचएसआईआईडीसी विभाग से जमीन के बदले निर्धारित राशि 248 करोड़ में से 230 करोड़ रुपए प्राप्त कर लिए हैं जिनमें से रिटायर्ड कर्मियों का बकाया देने और फैक्टरी के विकास के लिए एक रुपया भी नहीं लगाया गया। हालांकि एचएमटी को इस्टेट ऑफिस से लगभग 3 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष आय होती है। उन्होंने कहा कि एचएमटी कालोनी की हालत खस्ता है। यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।