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हरियाणा विधानसभा : बिजली मीटरों की टेस्टिंग के मुद्दे पर वरुण ने सरकार को घेरा

स्पीकर ने भी गंभीरता से सुनी बात, सरकार के पास नहीं था कोई जवाब

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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 25 अगस्त

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प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं का बड़ा मुद्दा शुक्रवार को विधानसभा के मानसून सत्र में उठा। मुलाना से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने बिजली मीटरों की टेस्टिंग के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने मुद्दा इतना गंभीर उठाया था कि उसका सीधा सा जवाब किसी के पास नहीं था। हालांकि बिजली मंत्री चौ. रणजीत सिंह ने उन्हें संतुष्ट करने की कोशिश की, लेकिन वे आखिर तक इस बात पर अड़े रहे कि मीटरों की टेस्टिंग प्राइवेट लैब से करवाए जाने की छूट उपभोक्ताओं को मिलनी चाहिए।

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दरअसल, बिजली मीटर सरकार द्वारा ही खरीदे जाते हैं। अब तो सरकार ने स्मार्ट मीटर भी लगाने शुरू कर दिए हैं। उपभोक्ताओं की यह शिकायत रहती है कि उनके मीटर की स्पीड अधिक है। इस वजह से उनका बिल अधिक आ रहा है। इस तरह की शिकायतों के बाद निगम की ओर से समानांतर दूसरा मीटर लगाया जाता है। इसकी वीडियोग्राफी होती है। इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए वरुण ने कहा, जब बिजली मीटर संबंधित निगमों द्वारा लगाए जाते हैं तो टेस्टिंग बाहर से होनी चाहिए।

अभी हो यह रहा है कि मीटरों की टेस्टिंग सरकारी लैब में ही होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी लैब में तेज चलने वाले मीटरों को भी सामान्य बता दिया जाएगा तो इसका उपभोक्ता को कैसे पता लगेगा। बेहतर हो कि उपभोक्ताओं को निजी प्रयोगशालाओं में जांच की छूट दी जाए। बिजली मंत्री चौ. रणजीत सिंह ने जब उन्हें नियमों का हवाल दिया तो वरुण ने कहा, ये नियम केवल बिजली मीटरों पर ही क्यों लागू हैं। ट्रांसफार्मर पर ऐसे नियम क्यों नहीं लागू किए।

उन्होंने कहा, बिजली निगमों द्वारा ट्रांसफार्मरों की जांच पहले सरकारी लैब में करवाई जाती है। इसके बाद इन ट्रासंफार्मरों की जांच प्राइवेट लैब में करवाई जाती है। वरुण चौधरी ने आरोप लगाया कि नये मीटरों की वजह से लोगों के बिजली के बिल बढ़कर आ रहे हैं। अधिकांश जिलों से इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। रणजीत सिंह ने कहा, सरकार की कोशिशों के बाद निगमों का लाइन लॉस घटकर 9.31 प्रतिशत रह गया है। पहले यह 33 प्रतिशत हुआ करता था।

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