जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 1 नवंबर
हूडा और हाउसिंग बोर्ड कालोनियों को नगर निगम को सौंपे जाने के बाद अब अपनी ही प्रापर्टी को नगर निगम रिकार्ड में इंद्राज करवाने के नाम पर हजारों रुपये की वसूली लोगों के गले की फांस बन गई है। लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि यदि हूडा या हाउसिंग बोर्ड ने नगर निगम को रिकार्ड नगर निगम को नहीं सौंपा तो उसमें संपत्ति मालिकों का क्या दोष और उनसे लेट फीस के रूप में हजारों रुपये क्यों वसूले जा रहे हैं।
लोगों का कहना है कि नगर निगम के अधीन आने के बाद यदि संबंधित कालोनियों की प्रापर्टी का क्रय-विक्रय होने के बाद मलकियत बदलती है तो म्यूटेशन संबंधी फीस उसी अवस्था में ही लगनी चाहिए। मामला विभाग के उच्चाधिकारियों तक पहुंच चुका है। मुख्यमंत्री को भी समस्या से अवगत करवाया जा चुका है।
विधायक असीम गोयल ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है जिसके समाधान के लिए सरकार से बात हो रही है। अब नगर निगम ने इन कालोनियों की संपत्ति को लेकर प्रापर्टी आईडी बनाना अनिवार्य कर दिया है। जिनका रिकार्ड 1 से 5 साल पुराना है उनसे नगर निगम 5 हजार रुपये जबकि इससे अधिक पुराने मामलों में यह शुल्क 10 हजार रुपये वसूला जा रहा है।