आदित्य शर्मा
चंडीगढ़/पंचकूला, 16 अक्तूबर
चंडीगढ़ पुलिस शहर में शुक्रवार को मनाए गए दशहरा पर्व के दौरान समय रहते रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले जलने से पहले रोक लेती तो शहर की आबोहवा खराब होने से बच सकती थी।
यूटी प्रशासन ने दशहरे से दो दिन पहले आदेश जारी करते हुए शहर में पटाख़ों के प्रयोग पर तत्काल तौर से अगले आदेश तक पाबंदी लगाई थी।
प्रशासन ने हवा को प्रदूषण से बचाने के मकसद से दशहरा कमेटियों को पटाखे ना जलाने की पहले ही हिदायत जारी कर दी थी लेकिन हैरानी की बात यह है कि प्रशासन के आदेश के बावजूद पुलिस हर समारोह पर मौजूद रहते हुए पुतलों में भरे गए पटाखों जलने से रोक नहीं पाई। जबकि इन समारोहों में कई अधिकारी और शहरी नेता मौजूद रहे। चंडीगढ़ पुलिस ने दशहरा खत्म होते ही पुतलों में जलाए गए पटाखों के बारे में सामने आई शिकायतों के आधार पर अलग-अलग थानों में 9 केस दर्ज कर दिए।
हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। पुलिस पार्टी ने मनीमाजरा में दशहरा मेले के दौरान रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले में से पटाख़े निकलवा दिए। जबकि अन्य आयोजकों ने पटाख़े निकालने से इनकार कर दिया। जिस कारण पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी।