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फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, 37 अारोपी गिरफ्तार

पे-पॉल अकाउंट में अवैध ट्रांजेक्शन का डरावा देकर ठगे करोड़ों रुपये
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मोहाली, 25 जून (हप्र)

पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर खोलकर यूएसए के लोगों को पे-पॉल अकाउंट में अवैध ट्राजेक्शन करने का डरावा देकर करोड़ों रुपये ठगने वाले एक कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस फर्जी कॉल सेंटर के 37 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 25 लड़के व 12 लड़कियां शामिल हैं। इस कॉल सेंटर का किंगपिन गुजरात में बैठकर इसे ऑपरेट कर रहा है। पुलिस ने उसकी जानकारी जुटा ली है। उसे पकड़ना बाकी है। आरोपियों के खिलाफ फेज-1 थाने में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में फर्जी कॉल सेंटर के मुख्य सरगना व मैनेजर कैविन प्लेट व प्रतीक सहित कुल 37 लोगों को नामजद किया गया है। एसएसपी संदीप गर्ग ने बताया कि यह फर्जी कॉल सेंटर प्लॉट नंबर ई-177 कैलाश टावर की पहली मंजिल पर वेबटैप प्राइवेट लिमिटेड के नाम से चल रहा था। 25 जून को पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि यह फर्जी कॉल सेंटर वाले रात को काम करते हैं और यूएसए के लोगों को उनके पे-पाल अकाउंट में अवैध ट्रांजेक्शन होने के नाम पर ठगते हैं। पुलिस ने सूचना के आधार पर देर रात कॉल सेंटर में रेड कर 37 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मौके से 45 लैपटाप, 45 हैडफोन माइक, 59 मोबाइल फोन व एक दिल्ली नंबर मर्सडीज कार बरामद की है।

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इस तरह करते थे ठगी

फर्जी कॉल सेंटर वाले दिखावे के तौर पर इस प्लॉट में वेबटैप प्राइवेट कंपनी चला रहे थे। इसकी आड़ में वह विदेशी अकाउंट के खाताधारकों को जाली ई-मेल भेजते थे। उन्हें पे-पॉल अकाउंट में अवैध ट्रांजेक्शन का डर बताकर कानूनी कार्रवाई करने की बात से डराते थे कि उनके अकाउंट में पैनल्टी लगाई जा रही है। पैनल्टी से बचने के लिए वह उन्हें झांसे में लेकर 100 से एक हजार डॉलर तक की ठगी करते थे। आराोपी पिछले 6 महीने से यहां फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। सभी को अपना काम बांटा गया था। एसएसपी ने कहा कि जिन 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे लोग जानते थे कि यह फर्जी कॉलसेंटर है। उसके बावजूद वह यहां काम करते रहे जिस कारण उन्हें भी बराबर धाराओं में शामिल किया गया है। किसी को डॉयलर्स (कॉल करने व उसे अटेंड करने) की ड्यूटी दी गई थी। कोई बैंकर्स बनकर बात करता था तो किसी को बैंक ब्रांच का अधिकारी बनाया गया था और कोई ई-मेल का रिप्लाई करने की ड्यूटी दे रहा था।

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