चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) :
गुरमत संगीत की परंपरा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पंजाबी विवि पटियाला के गुरमत संगीत िवभाग द्वारा चंडीगढ़ सेक्टर-34 स्थित गुरु तेग बहादुर साहिब गुरुद्वारे के साथ मिलकर एक सप्ताह तक परंपरागत स्िट्रंग इस्ट्रूमेंट्स (तंत्री वाद्य यंत्रों) की प्रदर्शनी लगायी गयी। विभागाध्यक्ष कंवलजीत सिंह ने बताया कि इसमें शबद कीर्तन के लिए गुरु नानक द्वारा इस्तेमाल रबाब, गुरु अमरदास व गुरु अर्जन देव से जुड़ा सारंदा और गुरु गोबिंद सिंह के काल के दिलरुबा, इसराज तथा तानपुरा, तबला आदि को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में इस परंपरा की तकनीकी जानकारी देने के लिए एक टीम गठित की गयी थी। इस मौके पर डा. एपी सिंह ‘रिद्म’ ने कहा कि इस समय कलाकार स्िट्रंग इस्ट्रुमेंट्स के इस्तेमाल से परहेज कर रहे हैं लेकिन रागों का मूल रूप इस यंत्रों के बगैर दर्शानी संभव नहीं है। इस मौके पर गुरुद्वारा तेग बहादुर साहब मैनेजमेंट कमेटी के सचिव तेजवंत सिंह ने कहा कि इस प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में संगत आकर इन वाद्यों में रुचि ले रही है।