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डीएसडब्ल्यू दफ्तर खुला, आंदोलन जारी रखने की चेतावनी

पंजाब विश्वविद्यालय में छात्र की मौत का मामला

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चंडीगढ़, 11 अप्रैल (ट्रिन्यू)

यूआईईटी के छात्र आदित्य ठाकुर की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र संगठनों और प्रशासन के बीच शुक्रवार को पहली बार औपचारिक बातचीत हुई। कुलपति प्रो. रेनू विग द्वारा गठित उच्चस्तरीय कमेटी के साथ बैठक में छात्रों ने दो टूक कहा कि वे डीएसडब्ल्यू प्रो. अमित चौहान को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे। हालांकि, छात्रों ने यह कहते हुए डीएसडब्ल्यू कार्यालय को सशर्त खोलने पर सहमति जताई कि प्रो. चौहान को वहां प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी। कमेटी की अध्यक्षता प्रो. नंदिता सिंह ने की, जिनके साथ प्रो. इमानुअल नाहर, प्रो. अनिल मोंगा, प्रो. वाईपी वर्मा और प्रो. संजय कौशिक मौजूद रहे। बता दें कि 28 मार्च को यूआईईटी में आयोजित हरियाणवीं सिंगर मासूम शर्मा नाइट के दौरान आदित्य ठाकुर की हत्या हुई थी। बातचीत के बाद ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने इसे अपनी रणनीतिक जीत बताते हुए कहा कि जब तक सभी मांगों पर लिखित, ठोस और समयबद्ध कार्रवाई नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। कमेटी ने चेतावनी दी है कि जल्द ही भूख हड़ताल शुरू की जाएगी, जो तब तक जारी रहेगी जब तक प्रशासन न्याय की गारंटी नहीं देता। साथ ही, छात्रों ने यह भी घोषणा की है कि वे चीफ सिक्योरिटी अफसर समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के आवासों पर प्रदर्शन करेंगे।

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सुरक्षा, बाहरी व्यक्तियों की आवाजाही पर भी उठे सवाल

बैठक में छात्र प्रतिनिधियों ने डीएसडब्ल्यू कार्यालय की कार्यप्रणाली, कैंपस की सुरक्षा और बाहरी व्यक्तियों की बेरोकटोक आवाजाही जैसे मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाए। कमेटी ने माना कि कार्यालय के लंबे समय तक बंद रहने से छात्र हित प्रभावित हुए हैं और परिसर का माहौल बिगड़ा है। छात्रों की मांग पर कमेटी ने कुलपति को सुझाव दिया है कि प्रो. चौहान के खिलाफ अलग से जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति बनाई जाए।

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