चंडीगढ़, 25 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा में पिछले माह आई बाढ़ के दौरान छह लाख एकड़ से अधिक भूमि पर खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं। प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर प्रभावित किसानों ने अपनी-अपनी नष्ट हुई फसलों का ब्यौरा दिया है। इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होते ही इस मुद्दे पर सवाल उठाया। इसका जवाब उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दिया। सदन में पेश की गई रिपोर्ट पर दुष्यंत ने कहा, जुलाई में हुई बारिश के कारण छह लाख 48 हजार 222 एकड़ में खड़ी फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं। फसलों के हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर एक लाख 33 हजार 625 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों के दावों का सत्यापन राजस्व विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों, संबंधित पटवारी, कानूनगो, सीआरओ, एसडीएम और उपायुक्त द्वारा आवेदक को मुआवजा देने से पहले किया जाएगा।
उन्होंने माना कि बाढ़ के कारण प्रदेश के अधिकतर जिलों में धान की फसल का नुकसान हुआ है। इनमें से बहुत से किसानों द्वारा दोबारा फसल की पैदावार की गई है। यह भी सच है कि इस साल बाढ़ के कारण प्रदेश में धान की पैदावार कम होने का अनुमान है। यह समस्या कुछ ब्लाकों में ही आएगी। अभय चौटाला की आशंका पर सरकार ने स्वीकार किया है कि बाढ़ के कारण आगामी सीजन में धान की कीमतों पर भी असर पड़ सकता है। दुष्यंत के अनुसार, इस समय मुआवजे के दावों का सत्यापन किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद सरकार द्वारा तय किए गए मानदंडों के अनुरूप मुआवजा वितरित किया जाएगा।
घग्गर तटबंधों के लिए 14 माह से बजट नहीं
प्रदेश के कई जिलों व सैकड़ों गांवों मे बाढ़ लाने वाली घग्गर के तटबंधों को मजबूत करने के लिए सरकार ने पिछले 14 महीने से कोई बजट नहीं दिया। कालांवाली से कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला के सवाल के जवाब में सरकार ने माना कि अप्रैल-2022 से जून-2023 तक घग्गर के बांधों को मजबूत करने और खुदाई के लिए कोई बजट जारी नहीं किया।