पिंजौर, 27 अगस्त (निस)
नगर परिषद कालका-पिंजौर कार्यकारी अधिकारी द्वारा कामधेनू गौशाला सेवा सदन पिंजौर को नोटिस भेज सरकारी भूमि पर टीन का शैड बनाकर किए कब्जे को 7 दिनों के भीतर हटाने के आदेश देने पर विवाद बढ़ गया है। जिससे गौसेवकों, गौशाला सेवा सदन में भारी रोष है। इस जगह पर काफी दिनों से विवाद चल रहा है।
शिवालिक विकास मंच प्रदेशाध्यक्ष एंव गौशाला सदन सरंक्षक विजय बसंल ने नोटिस को असंवैधानिक बताते हुए मुख्यमंत्री, शहरी निकाय मन्त्री को ज्ञापन भेजकर नोटिस को तुंरत रद्द करने, जमीन गौशाला के नाम करने, नोटिस भेजने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है।
बंसल ने बताया नगर पालिका पिंजौर ने 2005 में प्रस्ताव पास कर गौशाला के लिए दी जमीन पर कुछ समाज सेवी आवारा पशुओं, घायल, बीमार गोवंशों का इलाज और लगभग 1100 गायों के खाने-पीने का प्रबंध कर रहे हैं। गौरतलब है कि परिषद कार्यकारी अधिकारी ने नोटिस में सरकारी भूमि पर टिन शेड बना किए कब्जे को 7 दिनों के भीतर हटाने अन्यथा नगर पालिका अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
2021 में हुआ था शुभारंभ
नवंबर 2021 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गौसेवा आयोग द्वारा गौशाला में बनाए गौवंश अनुसंधान केन्द्र का उदघाटन कर गौशाला चलाने के लिए 21 लाख रुपये, विस स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने 11 लाख और सांसद रतन लाल कटारिया ने 5 लाख रुपये का अनुदान दिया था।