आदित्य शर्मा/नस
चंडीगढ़/पंचकूला, 27 सितंबर
कांग्रेस के पार्षद सतीश कैंथ आज चंडीगढ़ के मेयर रविकांत शर्मा पर सवालों की बौछार करते हुए निगम कमिश्नर के कमरे के बाहर धरने पर बैठ गए। रविकांत शर्मा की अध्यक्षता में हुई वित्त एवं अनुबंध समिति की बैठक को कांग्रेसी पार्षद के विरोध के चलते समाप्त करना पड़ा। गौरतलब है कि सतीश कैंथ समेत अन्य कांग्रेसी पार्षदों ने बीते शनिवार को नगर निगम सदन की बैठक का बायकाट किया था।
सोमवार को अनुबंध समिति की बैठक शुरू होने से पहले ही कैंथ ने हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि मेयर ने उन्हें प्रस्ताव पर चर्चा के बाद ही बात करने को कहा लेकिन कैंथ नहीं माने और अपनी बात पर अड़े रहे। उनका कहना था कि उन्होंने मेयर के समक्ष 200 करोड़ की ग्रांट के साथ-साथ आरएलए का शेयर निगम को मिलने और पेड पार्किंग से जुड़े सवाल किए थे लेकिन जवाब न मिलने पर उन्हें धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ा। बैठक में प्रस्तुत प्रस्तावों को मेयर ने बिना चर्चा के 15 मिनट के भीतर पारित कर दिया।
पेड पार्किंग की रिपोर्ट न आने पर कैंथ ने मेयर से पूछा कि रिपोर्ट कहां है। कैंथ ने कहा कि मेयर ने शहर की जनता से झूठ बोला कि 202 करोड़ नगर निगम को मिल रहे हैं। कैंथ ने कहा कि मेयर बताएं कि यह राशि कहां से मिलेगी । कैंथ ने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया के नाम पर 5 कर्मचारियों की भर्ती बैकडोर से करवाई जा रही है जिसका टेबल एजेंडा नहीं लाया गया। सोशल मीडिया मैनेजर की भर्ती एक लाख रुपये वेतन में रखने का प्रस्ताव पास किया गया जबकि नगर निगम की वित्तीय स्थिति खराब है। कैंथ ने कहा कि उन्होंने महापौर और निगम आयुक्त के व्यवहार के खिलाफ निगम आयुक्त के कार्यालय के सामने धरना दिया है। मेयर रविकांत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास शहर के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पार्षदों को शहर के विकास कार्यों में कोई दिलचस्पी नहीं है।