चंडीगढ़, 7 जनवरी (ट्रिन्यू)
चंडीगढ़ में कल 8 जनवरी को होने वाले महापौर चुनाव में भाजपा ने एकता तो दिखा दी पर आज निवर्तमान महापौर राजबाला मलिक द्वारा आयोजित दोपहर के भोज में स्थानीय अध्यक्ष अरुण सूद व पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन का न आना सवाल खड़े कर गया। भोज में राष्ट्रीय संगठन मंत्री व चंडीगढ़ के प्रभारी दिनेश कुमार भी पहुंचे थे। उन्हें देखते ही कांग्रेस के पांचों पार्षद वहां से रवाना हो गए। पूर्व महापौर आशा जयसवाल ने भी जिस टोन में अपना वक्तव्य देना शुरू किया, उसमें उनकी भी निराशा झलक रही थी। जबकि पूर्व महापौर राजेश कालिया, देवेश मोदगिल, पूर्व वरिषठ उपमहापौर गुरप्रीत सिंह ढिल्लों व निगमायुक्त ने महापौर राजबाला मलिक द्वारा कोविड के चलते की गई जनसेवा के लिए उन्हें खूब सराहा ।
घोषित मतदान कार्यक्रेम के अनुसार कल सुबह 11 बजे पहले महापौर पद के लिए मतदान होगा । इसके लिए मनोनीत पार्षद अजय दत्ता को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है। उसके बाद नवनिर्वाचित महापौर वरिष्ठ उपमहापौर व उपमहापौर का चुनाव करायेंगे। भाजपा पार्षद हीरा नेगी कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि सांसद की तबीयत भी खराब बताई जा रही है। इस समय नगर निगम में भाजपा के 20 पार्षद हैं और कांग्रेस के पांच पार्षद हैं। सचिव की ओर से जो आदेश जारी किए गए हैं उसमें किसी भी पार्षद को हथियार भी अपने पास रखने की पाबंदी लगाई गई है। सत्ता पक्ष की ओर से आज वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी कार्यालय में सख्त हिदायतों के साथ एकजुटता का पाठ पढ़ाए जाने के साथ रात्रि भोज तक का आयोजन किया ।
इसी बीच आज कांग्रेस की मांग को देखते हुए कल होने वाले मतदान के दौरान मोबाइल फोन और ऐसे पैन जिन पर कैमरे लगे होते हैं को लाने पर पाबंदी लगा दी गई है। उधर आज दोपहर को कांग्रेस भवन में पार्षदों की कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के साथ बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर कोई भाजपा का पार्षद मतदान के बाद मोबाइल से फोटो खींचते हुए पाया गया तो उसका विरोध किया जाएगा।