आदित्य शर्मा
चंडीगढ़/पंचकूला, 12 नवम्बर
नगर निगम चंडीगढ़ के चुनाव के मद्देनजर शुक्रवार को सदन की विशेष बैठक चल रही है। बैठक में विरोध के बाद शहर भर में पार्किंग का ठेका सम्भाल रही 2 जोन में विभाजित कम्पनियों को कोविड काल के दौरान लाइसेंस फीस में राहत देने से इनकार कर दिया गया है। कॉम्पनियों ने निगम से राहत के तौर पर 2 करोड़ रुपए देने की मांग की थी। शुक्रवार को निगम सदन की बैठक के दौरान पार्षदों ने इनका कड़ा विरोध किया, जिसके बाद इस प्रस्ताव को खारिज किये जाने का फैसला लिया गया।
पूर्व मेयर पार्षद देवेश मोदगिल, पार्षद गुरप्रीत ढिल्लों, महेश इंदर सिद्धू, नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र सिंह बबला और पूर्व मेयर पार्षद आशा जसवाल के विरोध के बाद मेयर रविकांत ने इस प्रस्ताव को खारिज करने का एलान कर दिया। ये प्रस्ताव संशोधित होकर बैठक में लाया गया था।
ठेका कंपनियों को जुलाई तक लगभग 2 करोड़ लाइसेंस फीस में छूट दी जानी थी। शहर भर में पार्किंग बेतरबी, अव्यवस्थाओं को लेकर तमाम तरह के सवाल उठाये गये थे। बात ये भी सामने आई कि कम्पनियों ने कोर्ट तक जाने की भी चेतावनी दी थी। मोदगिल और बबला ने कहा कि कंपनी बेशक कोर्ट में जाना चाहती है तो जाए मगर प्रस्ताव खारिज करना सदन का अधिकार है। बबला ने कहा कि ऐसे तो हर ठेकेदार निगम को ब्लैकमेल करेगा। उन्होंने कहा कि हम 2 करोड़ रूपये को पार्किंगों के किसी भी विकास में लगा सकते हैं। मोदगिल ने कहा कि जो पैसा पार्किंग में दिव्यांगों की सुविधाओं के लिये खर्च किया जाना चाहिए था वह भी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कोविड काल में नगर निगम ने जो राहत देनी थी वह दी थी।