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Chandigarh News : ट्राईसिटी में बाल स्वास्थ्य पर विशेषज्ञों का मंथन: सुपर स्पेशिलिटी मीट में पेश हुए इलाज और टीकाकरण के नए मॉडल

RSV की खांसी-न्यूमोनिया से बचाव के लिए Beyfortus वैक्सीन पर केंद्रित रहा सत्र, देशभर से 100 से अधिक विशेषज्ञ हुए शामिल
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Chandigarh News : बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवाचारों और चिकित्सा चुनौतियों पर चर्चा के लिए आज ट्राईसिटी में देशभर के अग्रणी बाल रोग विशेषज्ञ एक मंच पर जुटे। पेडिएट्रिक्स सुपर स्पेशिलिटी मीट 2025 में 100 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिसमें शिशु चिकित्सा की उन्नत पद्धतियों, गंभीर बीमारियों और नई वैक्सीन तकनीकों पर गहन विमर्श हुआ।

RSV वैक्सीन रही चर्चा का केंद्र

सम्मेलन में खास ध्यान रेस्पिरेटरी सिंकैटल वायरस (RSV) पर रहा, जो नवजातों में खांसी, न्यूमोनिया और छाती से सिटी जैसी आवाज का मुख्य कारण बनता है। इस बीमारी से सुरक्षा देने वाले नए सिंगल डोज टीके Beyfortus (Nirsevimab) पर विशेषज्ञों ने वैक्सीनेशन संवाद सत्र में विस्तृत चर्चा की। इस वैक्सीन को नवजातों के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया गया।

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चिकित्सा सत्रों की विविधता

एकदिवसीय सम्मेलन में बाल स्वास्थ्य के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को छुआ गया। इनमें शामिल रहे—

कावासाकी डिज़ीज: नवजातों में इसके प्रारंभिक लक्षणों और इलाज की रणनीतियां

त्वचा आधारित निदान: संक्रमणों की पहचान में त्वचा के लक्षणों की भूमिका

न्यूरोलॉजी अपडेट: बच्चों में जटिल न्यूरोलॉजिकल केस प्रस्तुतियाँ

नवाचार और टीकाकरण: आधुनिक वैक्सीन तकनीकों और अनुसंधानों पर संवाद

विशेषज्ञों की टिप्पणियां

डॉ. नीरज कुमार, आयोजन प्रमुख व IMA चंडीगढ़ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “यह सम्मेलन बाल चिकित्सा में भविष्य की दिशा तय करने की साझा कोशिश है। हमें बच्चों की सुरक्षा के लिए खुद को लगातार अपडेट रखना होगा।”

डॉ. सनी नरूला, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ ने कहा, “कोविड के बाद बाल चिकित्सा को तेज़ी से बदलना होगा। ऐसे मंच चिकित्सकों को अनुभव साझा करने और नयी तकनीकों को अपनाने का मौका देते हैं।”

डॉ. अभय शाह, पूर्व अध्यक्ष, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, अहमदाबाद ने कहा, “RSV जैसी बीमारियों की रोकथाम के साथ हमें बच्चों की पोषण और पर्यावरणीय जरूरतों को भी समझना होगा।”

प्रो. अर्चना चक्रवर्ती, बाल रोग विशेषज्ञ व शोधकर्ता, फरीदाबाद ने कहा, “इस सम्मेलन की सबसे बड़ी खूबी इसकी विषयगत विविधता रही— न्यूरो डेवलपमेंट से लेकर स्किन डिसऑर्डर तक। ये बहु-विषयक चर्चाएं चिकित्सीय सोच को नई दिशा देती हैं।”

देशभर से आए विशेषज्ञ

सम्मेलन में PGIMER, GMCH-32, GMSH-16 सहित बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर और फरीदाबाद जैसे शहरों के प्रमुख सरकारी व निजी संस्थानों से विशेषज्ञ शामिल हुए। यह सम्मेलन बाल चिकित्सा की आधुनिक दिशा और सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाने वाला एक प्रभावशाली मंच बना।

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