
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) :
चंडीगढ़ नगर निगम की आज यहां महापौर राज बाला मालिक की अध्यक्षता में हुई बैठक औपचारिकता निभाने जैसी लगी। यह बैठक वैसे भी वार्ड कमेटी की बैठक लग रही थी। महापौर भी बार-बार पार्षदों को अपने वार्डों की समस्यायें बताने के लिए ही कह रही थीं। कांग्रेस पार्षदों का कहना था कि वित्तीय संकट से जूझ रहे निगम के पास विकास कार्यों के लिए तो राशि नहीं है व अब महापौर अपने कार्यकाल की अंतिम बैठकों में वार्डों की समस्याओं पर चर्चा कर निगम सदन की बैठक आयोजित करने की औपचारिकता निभा रही हैं। कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ ने शहर के वेंडर्स का मामला उठाते हुए कहा कि उन्होंने तीन बार सदन की बैठकों में कहा था कि वर्ष 2016 में जिस कम्पनी से वेंडर्स का सर्वे करवाया गया था, वो गलत हुआ है और उसकी जांच होनी चाहिए। कैंथ ने एतराज जताया कि उनकी यह बात मिनट्स में काट दी गई। उन्होंने पुनः सर्वे की जांच की मांग की वह उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनकी बातों को मिनट्स में डाल दिया जाएगा। बैठक में सभी पार्षदों ने अपने अपने एरिया की समस्याओं को गिनवाया जिनमें सड़कों की रिपेयर, पार्कों की मेंटेनेन्स, कम्युनिटी सेंटर में सुविधाओं की कमी, सफाई व्यवस्था ठीक न होना, री-कारपेटिंग, ग्रीन बेल्ट्स व पार्कों के रखरखाव आदि शामिल हैं। आज की बैठक में कमेटी कक्ष में बैठे पत्रकार काफी परेशान रहे। इस कक्ष में लगी एलइडी की कभी ऑडियो खराब हो जाती थी तो कभी वीडियो।
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