विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 29 सितंबर
नगर निगम सदन की बैठक में कुछ शोर-शराबे के बीच सर्वसम्मति से विकास से संबंधित 12 एजेंडे पास हो गए। सदन की बैठक शुरू होते ही पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया। सिटी ब्यूटीफूल में सड़कों को खोद कर केबल लाइनें डालने का मुद्दा काफी गर्माया। आप पार्षद ने कहा कि कंपनियां शहर में गड्ढे खोदकर चली जाती हैं। इन गड्ढों के कारण बरसात के दिनों में लोगों का घर से निकलना तक मुश्किल हो गया है। इस मामले में उन्हें कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों का साथ भी मिला। सभी पार्षदों ने बताया कि ज्यादातर वार्डों में ऐसी ही स्थिति है। आप पार्षद ने कहा कि मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए। इस पर निगम कमिश्नर ने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कंपनियां 5 जी की लाइनें डालने का काम कर रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि त्योहारी सीजन तक केबल लाइन डालने के काम पर रोक लगाई जाए, ताकि लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी ने कहा कि निगम की पिकअप गाड़ी मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों और मरे हुए जानवरों को भी उठाती है। यह धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ है। यही फूल आगे मंदिरों में चढ़ाए जाते हैं। ऐसे में ड्राइवर पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर कमिश्नर अनिंदिता मित्रा ने कहा कि मामले में जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि वह एक ट्रेनिंग सेशन था, इसलिए इन फूलों से बनाई गई धूप-बत्ती मंदिर नहीं गई। वहीं कहा है कि लापरवाही बरतने वाले ड्राइवर आदि पर जांच के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आउटसोर्स कर्मियों का होगा बीमा
हाल ही में निगम की एक गारबेज कलेक्शन गाड़ी के नीचे दबकर मारे गए कर्मी के मुआवजे को लेकर हाउस में सवाल उठे। कमिश्नर ने कहा कि निगम के अंतर्गत काम करने वाले आउटसोर्स कर्मियों की इंश्योरेंस करवाई जा रही है। वहीं मेयर सर्बजीत कौर ने कहा कि मृतक के परिवार में किसी को वहीं या उसकी योग्यता के अनुरूप ही नौकरी दी जाएगी। पार्षदों ने कहा कि निगम की गाड़ी के नीचे दब कर अब तक दो कर्मियों की मौत हो चुकी है। निगम की गाड़ियों की मेंटेनेंस करवाई जानी चाहिए। इस पर कमिश्नर ने कहा कि ऐसी गाड़ियों की मैकेनिकल चेकिंग करवाई जाएगी। निगम के इंजीनियरिंग विभाग के अफसरों ने बताया कि वाहन काे इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि कोई भी बटन दबाए तो हाइड्रोलिक प्रेशर से एकदम न तो प्लेटफार्म नीचे आता है और न ही ऊपर जाता है। मामले की विस्तृत आडिंटिंग कराई जा रही है।