आलाप और सारंग सिकंदर ने भी शाम में घोले सुरमई रंग
चरखा गली दे विच्च डा लेया..., मितरां नू मार गया नी तेरा ठुमका... की स्वर लहरियां जैसे ही कलाग्राम में गूंजीं लोग झूम उठे। प्रसिद्ध पंजाबी लोक गायिका अमर नूरी की सुरों, तान और धुन पर पकड़ से हर मौसिकी प्रेमी वाह वाह कर उठा। इसके साथ ही नूरी ने बेटों सारंग और आलाप के संग भाभी मेरी गुत कर दे, मेरी नचदी दे खुल गए बाल..., आईं वे न छतरा ले आई वे साबुन दी टिक्की... जैसे गाने पेश कर समां बांध दिया। जब उन्होंने तेरा लिख दूं सफेदियां ते नाम पेश किया तो लोगों ने जमकर दाद दी। इसके साथ ही नूरी, सारंग और आलाप ने फरमाइश के मुताबिक गाने गाकर माहौल को सुरमई बनाया। लोकप्रिय गायिका अमर नूरी का कहना है कि ट्रेंडिंग सॉन्गस कुछ भी चलें, हमें उस रौ में बहने की बजाय अपने संस्कार और संस्कृति से जुड़े सॉन्ग्स गाने हैं। हम साफ-सुथरी गायकी में विश्वास रखते हैं। नूरी कहती हैं कि वे चाहती हैं कि उनके गानों से हमेशा युवाओं को मोटिवेशन मिले, उन्हें सही राह का अहसास हो और वे बुराइयों से दूर रहें। युवाओं को ध्यान रखना चाहिए कि हम पंजाबी, संस्कारी लोग हैं। हमें अपने गौरवशाली संस्कार हर पर याद रखने चाहिए और अपनी लोक संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहिए।
कलाग्राम में चल रहे 15वें चंडीगढ़ राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में शनिवार को दिन के सत्र में पंजाब के करम सिंह एंड ग्रुप के झूमर डांस देख दर्शक वाहवाह कर उठे। इसके मनभावन संगीत और नर्तकों के प्रदर्शन ने दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं, राजस्थान के चकरी डांस में डांसर्स की लयकारी को देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। पश्चिम बंगाल रायबेंशे डांस में मार्शल आर्ट और नर्तकों के करतब देख सामयीन रोमांचित हो गए। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर के जगरना, बिहार के झिझिया और महाराष्ट्र के धनगिरी गाजा नृत्यों ने अपने प्रदेशों की लोक संस्कृति से दर्शकों को रू-ब-रू कराया।
मेला प्रांगण में लोक नृत्यों से निरंतर मनोरंजन
कलाग्राम प्रांगण में राजस्थान का कच्ची घोड़ी, पंजाब के बाजीगर व पचार और हरियाणा के बीनजोगी व नागदा नृत्यों से लोक कलाकार निरंतर मेलार्थियों का मनोरंजन कर रहे हैं। शनिवार को भी हजारों लोगों ने मेले का आनंद लिया, वहीं बच्चे मेला प्रांगण में कैमल सफारी करके काफी रोमांचित हुए।
