नगर संवाददाता
चंडीगढ़/पंचकूला, 5 मार्च
चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी ने शुक्रवार को सेक्टर 37 में एक कोठी का करोड़ों रुपए में सौदा करने के आरोपी संजीव महाजन की पत्नी के आफिस संचालक को जांच में शामिल कर लिया है।
एसआईटी ने संजीव महाजन, प्राॅपर्टी डीलर मनीष गुप्ता और डीएसपी के भाई सतपाल डागर को जिला अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें चार दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। संजीव महाजन और मनीष गुप्ता के 3 दिनों के पुलिस रिमांड के दौरान एसआईटी की जांच में सामने आया है कि संजीव महाजन की पत्नी के खाते में हर महीने इंड स्विफ्ट कंपनी की ओर से ढाई लाख रुपए डाला जाता था। इस मामले में पुलिस ने इंड स्विफ्ट कंपनी के निदेशक एनआर मुंजाल को समन जारी कर शुक्रवार को पूछताछ के लिए सेक्टर 31 में बुलाया। कंपनी के 5 करोड़ रुपए के वैट घोटाले मामले में पूर्व एडवाइजर परिमल राय ने 17 जुलाई 2018 को वैट घोटाले की विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे।
गुजरात और दिल्ली में छानबीन
सेक्टर 37 में कोठी को धोखे से जाली दस्तावेजों पर अपने नाम करवाने के आरोपियों की तलाश में एसआईटी कई राज्यों में दबिश दे रही है। देरशाम तक अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हो पाई थी। पुलिस ने शुक्रवार को जिला अदालत में कहा कि संजीव महाजन और मनीष गुप्ता से अब तक हुई जांच को पुख्ता करने के लिए उनकी निशानेदही पर गुजरात के भुज में जाकर उस जगह का पता लगाना है, जहां राहुल मेहता को बीमारी की हालत में बंधक बना कर रखा गया था। एसआईटी संजीव महाजन की करोड़ों रुपए की प्राॅपर्टी के बारे में पता लगा रही है। वहीं, डीएसपी के भाई सतपाल डागर की भूमिका और रुपयों के लेन-देन के मामले में तीनों आरोपियों को आमने-सामने बिठा कर पूछताछ की जा रही है।