आदित्य शर्मा
चंडीगढ़/पंचकूला, 19 दिसंबर
सिटी ब्यूटीफुल के बाशिंदों का साल 2020 तिहरे हत्याकांड से शुरू हुआ और पूरा साल वारदातों के साये में गुजरा। गौर हो कि इस साल की शुरूआत में जनवरी में मनीमाजरा के माॅडर्न हाउसिंग काॅम्पलैक्स में संजय अरोड़ा ने किसी विवाद को लेकर अपनी पत्नी, बेटे और बेटी की हत्या कर दी। हालांकि साल 2020 में साल 2019 के मुकाबले अपराधों में कुछ कमी आई। साल 2020 में 15 दिसंबर तक 980 संगीन मामले दर्ज हुए जबकि साल 2019 में इन केसों की संख्या 1504 थी। संगीन वारदातों में सेक्टर 17 में सड़क पर महिला के कटे हुए पैर मिलने के बाद मानों चंडीगढ़ को बुरी नजर लग गई। वहीं, साल के आखिरी हिस्से में पंजाब के एक नेता गुरलाल बराड़ हत्याकांड के बाद मानो शहर में गैंगस्टरों के मामलों की बाड़-सी आ गई।
2019 के मुकाबले 2020 में अपराध में आई कमी : चंडीगढ़ पुलिस के रिकाॅर्ड के मुताबिक साल 2019 में करीब 101 गिरोहों को काबू कर चुकी तत्कालीन एसएसपी निलांबरी जगदले ने साल के मध्य तक कई अपराधों पर नकेल कसते हुए अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। वहीं, मौजूदा एसएसपी कुलदीप चहल चंडीगढ़ में दाखिल हो रहे पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा से आ रहे गिरोहों के हर छोटे-बड़े गुर्गों को काबू करने में जुटे हैं। अपराधों की बात करें तो साल 2019 में 25 और 2020 में 22 लोगों की हत्याएं हुई। रेप के साल 2020 में 59 मामले दर्ज हुए जबकि 2019 में 107 रेप के मामले दर्ज किए गए थे।
इन अनसुलझे मामलों से पुलिस की हुई किरकिरी
सोपू नेता गुरलाल बराड़ की हत्या के आरोपी पकड़ से बाहर, सेक्टर 17 में महिला के कटे हुए पैर मिलने का मामला, रायपुरकलां में कंकाल मिलने का मामला, सेक्टर 27 स्थित नेबरहुड पार्क के पास नेशनल शूटर सुखमनप्रीत सिंह उर्फ सिप्पी सिद्धू की गोली मारकर हत्या करने का मामला, सेक्टर 38 में नेहा अहलावत की हत्या का मामला अभी तक पुलिस के लिए अनसुलझी पहेली बने हुए हैं।