दिनेश भारद्वाज
चंडीगढ़, 28 फरवरी
पिछले साल की तरह इस बार भी सीएम मनोहर लाल खट्टर टैब से ही गठबंधन सरकार का वार्षिक बजट पेश करेंगे। बजट सत्र 5 मार्च से शुरू होगा। अभी तक वित्त सहित दूसरे विभागों के अधिकारी बजट को लेकर बैठकें कर रहे थे। सीएम भी बीच में बैठकें करते रहें, लेकिन सोमवार से वे नियमित रूप से बजट को लेकर बैठक करेंगे। वित्त मंत्रालय उन्हीं के पास है।
इस बार का बजट स्वास्थ्य सेक्टर पर अधिक फोकस रहेगा। केंद्र के बजट भी में स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक ध्यान दिया गया है। रविवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में सीएम ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को देने की कोशिश सरकार कर रही है। इस दौरान उनके अतिरिक्त मुख्य सचिव व पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट के महानिदेशक अमित अग्रवाल भी उनके साथ मौजूद रहे।
बजट को लेकर सभी सांसदों से सीएम खुद दिल्ली में बैठ करके फीडबैक ले चुके हैं। जनप्रतिनिधियों से लिखित में भी सुझाव लिए गए हैं। सीएम ने कहा कि बड़ी संख्या में विधायकों के सुझाव उनके पास आए हैं। सभी वित्त विभाग के पास भेजे जा चुके हैं। अब उन पर भी चर्चा होगी। पिछली बार प्री-बजट चर्चा में आए सुझावों में से 6 दर्जन से अधिक सुझावों को सीएम ने अपने बजट में शामिल किया था।
कोरोना की वजह से अभी तक 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व का नुकसान प्रदेश को हो चुका है। सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य के साथ शिक्षा पर भी जोर रहेगा। पिछले साल शिक्षा का बजट बढ़ाया गया था, लेकिन कोरोना की वजह से पूरा खर्च भी नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि संक्रमण की वजह से आए वित्तीय संकट के बावजूद सरकार ने न तो किसी की सेलरी रुकने दी और न ही पेंशन रोकी गई।
कई राज्यों में कर्मचारियों के वेतन-भत्ते व पेंशन भी रोकी हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों के कर्जा लेने की सीमा में भी बढ़ोतरी की है। इसके लिए चार पैरामीटर तय किए हैं। एक पैरा-मीटर पर अभी हरियाणा खरा नहीं उतर रहा। उन्होंने कहा कि इस पैरा-मीटर को फिलहाल पूरा भी नहीं किया जाएगा। दरअसल, यह किसानों को बिजली बिलों पर दी जाने वाली सब्सिडी से जुड़ा है। राज्य में किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है। किसान आंदोलन के चलते इसमें किसी तरह के बदलाव के मूड़ में सरकार नहीं है।
प्रदेश में नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को लेकर पूछे सवाल पर सीएम ने कहा कि पहले से मंजूरशुदा मेडिकल कॉलेजों का निर्माण पूरा कराया जाएगा। नये मेडिकल कॉलेज भी शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि 2015 तक प्रदेश में एमबीबीएस की कुल 750 सीट थी। अब ये बढ़कर 1750 हो चुकी हैं। इस साल में इन्हें बढ़ाकर 2000 किया जाएगा। अगले कुछ वर्षों में 2500 सीट करने की योजना है ताकि प्रदेश को हर साल 2000 से अधिक डॉक्टर मिल सकें।
बजट की तारीख को लेकर सीएम ने कोई खुलासा नहीं किया लेकिन उन्होंने कहा कि इस बार का बजट भी वे टैब से ही पेश करेंगे।
बुढ़ापा पेंशन में होगी बढ़ोतरी
पिछले साल कोरोना की वजह से बुढ़ापा, विधवा व बेसहारा महिला तथा दिव्यांगों की पेंशन में बढ़ोतरी नहीं हुई। वर्तमान में 2250 रुपये मासिक पेंशन है। सीएम ने स्पष्ट तौर पर संकेत दिए कि इस बार सरकार पेंशन में बढ़ोतरी करेगी। यह कितनी होगी, इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा। सीएम ने कहा, ‘बुजुर्गों का सम्मान होना चाहिए और सरकार उनके मान-सम्मान का पूरा ख्याल रखेगी।’
छोटे किसानों को मिलेंगी सुविधाएं
सीएम ने कहा कि छोटी जोत वाले किसानों के लिए बजट में नयी योजनाएं शामिल होंगी। कर्ज माफी से इनकार करते हुए सीएम ने कहा, इसका कोई फायदा भी नहीं होगा। हम किसानों को ऐसी स्थिति में लाना चाहते हैं, जिससे उन्हें कर्जा लेने की जरूरत ही न पड़े। किसानों के कर्जे पर ब्याज व जुर्माने की माफी की योजना पहले से ही चल रही है। खट्टर ने कहा, हमारी कोशिश रहेगी कि किसान को एक एकड़ से कम से कम 1 लाख रुपये सालाना आय का प्रबंध किया जा सके। 2022 तक किसानों की आय दोगुणा करने का टारगेट है।
सोशल सिक्योरिटी की योजनाएं बनेंगी
बजट में सोशल सिक्योरिटी के लिए भी बहुत कुछ है। गरीब परिवार को जो छह हजार रुपए मिलते हैं, उनमें से ही उनका सामाजिक सुरक्षा के तहत चल रही योजनाओं का प्रीमियम जाएगा। बजट में दो करोड़, 75 लाख लोगों का ख्याल रखा जाएगा। बजट में ही बुढ़ापा पैंशन योजना के तहत कितनी राशि दी जाएगी, कितनी बढ़ाई जाएगी यह ऐलान किया जाएगा।