मुंबई, 3 नवंबर (एजेंसी) बीएसई सेंसेक्स में बुधवार को 257 अंक की गिरावट आई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा से पहले वैश्विक बाजारों में नरम रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक बैंक के शेयरों में गिरावट के साथ बजार नुकसान में रहा। 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 257.14 अंक यानी 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,771.92 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 59.75 अंक यानी 0.33 प्रतिशत टूटकर 17,829.20 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ सन फार्मा सर्वाधिक नुकसान में रही। इसके अलावा इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल, कोटक बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहें। दूसरी तरफ, एलएंडटी, एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, एसबीआई और बजाज फाइनेंस लाभ में रहने वाले शेयरों में शामिल हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘बाजार में सुधार के बाद शुरुआत अच्छी रही। लेकिन यह तेजी कायम नहीं रह पाई और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति घोषणा से पहले वैश्विक शेयर बाजारों में कमजोर रुख के साथ घरेलू बाजार नीचे आए।’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक निकट भविष्य में बांड खरीद कार्यक्रम में कमी की घोषणा कर सकता है। साथ ही अगर नीतिगत दर में तेजी का संकेत देता है, तो निवेशकों पर असर पड़ सकता है। तेजी से बांड खरीद कार्यक्रम में कमी का कोई भी संकेत शेयर बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। अगर ऐसा नहीं होता है, तो इस कमजोर रुख वाली स्थिति में बदलाव देखने को मिल सकता है। एशिया के अन्य बाजारों में चीन में शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे, जबकि जापान के निक्की में अवकाश रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख रहा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83.31 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।