नयी दिल्ली, 24 सितंबर (एजेंसी)
खुदरा मुद्रास्फीति अब भी काफी उच्चस्तर पर है और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने कुछ और समय के लिए सख्त रुख बरकरार रखने का फैसला किया है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि अगले महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक समीक्षा बैठक में नीतिगत दर को एक बार फिर यथावत रखने का फैसला लिया जा सकता है। रिजर्व बैंक ने 8 फरवरी, 2023 को रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था और तब से इसने अत्यधिक उच्च खुदरा मुद्रास्फीति और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों सहित कुछ वैश्विक कारकों को देखते हुए दरों को उसी स्तर पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय एमपीसी की बैठक 4-6 अक्तूबर को प्रस्तावित है। एमपीसी की पिछली बैठक अगस्त में हुई थी। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘उम्मीद है कि आरबीआई इस बार ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करेगा, क्योंकि मुद्रास्फीति अब भी ऊंची बनी हुई है और नकदी की स्थिति सख्त है।