नयी दिल्ली, 4 दिसंबर (एजेंसी)
सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और ओआईएल को पुराने क्षेत्रों से नई गैस के उत्पादन के लिए कीमतों पर 20 प्रतिशत प्रीमियम मिल सकता है। सरकार द्वारा किरीट पारिख की अगुवाई में नियुक्त गैस मूल्य समीक्षा समिति ने इसकी सिफारिश की है। समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा पुराने क्षेत्रों से निकलने वाली प्राकृतिक गैस पर पांच साल के लिए मूल्य सीमा लागू करने की सिफारिश भी की है। सीएनजी और पाइपलाइन से आने वाली रसोई गैस-पीएनजी की कीमतों में नरमी लाने के लिए ऐसा किया जाएगा। समिति ने पिछले सप्ताह पेट्रोलियम मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसके साथ ही समिति ने एक जनवरी, 2027 से एपीएम गैस की कीमत बाजार से निर्धारित किए जाने का सुझाव दिया है। दिसंबर में भारत का कच्चे तेल के आयात का औसत मूल्य लगभग 83 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था। इस तरह समिति की सिफारिश के अनुसार, एपीएम गैस की कीमत, जो देश में उत्पादित कुल गैस का 60 प्रतिशत है, 8.3 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (आयातित तेल मूल्य का 10 प्रतिशत) होनी चाहिए। हालांकि, यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने समिति की सिफारिश को मान लिया तो ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड को केवल 6.5 डॉलर का भुगतान किया जाएगा।