नयी दिल्ली, 26 मई (एजेंसी)
साख निर्धारण करने वाली मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने बृहस्पतिवार को ऊंची महंगाई दर का हवाला देते हुए 2022 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 8.8 प्रतिशत कर दिया। इससे पहले इसके 9.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि, वर्ष 2023 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।
वर्ष 2022-23 के लिए वृहद वैश्विक परिदृश्य को अपडेट करते हुए मूडीज ने कहा कि निर्यात, जीएसटी, माल ढुलाई जैसे आंकड़ें बताते हैं कि दिसंबर, 2021 की तिमाही से वृद्धि ने गति पकड़ी है और यह इस साल पहले चार महीने जारी रही।
हालांकि, कच्चे तेल, खाद्य और उर्वरक के दाम में तेजी से घरों की वित्तीय स्थिति और आने वाले महीनों में खर्च पर असर पड़ेगा। ऊर्जा और खाद्य मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए नीतिगत दर में वृद्धि से मांग में सुधार की गति धीमी पड़ेगी। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कर्ज में अच्छी वृद्धि, कंपनियों के बड़े स्तर पर निवेश की घोषणा और सरकार के बजट में पूंजीगत व्यय पर आवंटन बढ़ाये जाने से निवेश में मजबूती आने का संकेत मिलता है। मूडीज ने कहा, ‘अगर वैश्विक कच्चे तेल और खाद्य कीमतों में और वृद्धि नहीं होती है, तो अर्थव्यवस्था तेज वृद्धि की गति बनाए रखने के लिए पर्याप्त मजबूत लग रही है।’