नयी दिल्ली, 1 अगस्त (एजेंसी)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार कहा कि सरकार जल्द ही सार्वजनिक क्षेत्र की एक नयी उद्यम नीति लायेगी, जो रणनीतिक क्षेत्रों को परिभाषित करेगी। सरकार घोषणा कर चुकी है कि किसी भी रणनीतिक क्षेत्र में चार से अधिक सार्वजनिक उपक्रम नहीं होंगे। सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये मई में घोषित ‘आत्मनिर्भर भारत’ राहत पैकेज में कहा था कि रणनीतिक क्षेत्र की नयी परिभाषा के तहत इस दायरे में सार्वजनिक क्षेत्र की अधिकतम चार कंपनियां होंगी। रणनीतिक क्षेत्रों में चार से अतिरिक्त सरकारी कंपनियों का अंततः निजीकरण किया जायेगा। उन्होंने पत्रकारों के साथ बातचीत में रणनीतिक क्षेत्रों की सूची के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘हम इस पर काम कर रहे हैं … इसे जल्द ही मंत्रिमंडल के पास भेजा जाना चाहिये।’ उन्होंने कहा कि रणनीतिक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में अधिकतम 4 सार्वजनिक उपक्रम तय करने के विभिन्न मॉडल हो सकते हैं। या तो उनका आपस में विलय कर दिया जायेगा, या उन्हें इस तरह से एक साथ लाया जायेगा कि हर क्षेत्र में केवल चार या उससे कम सरकारी कंपनियां हों। रणनीतिक क्षेत्रों की सूची अधिसूचित की जायेगी। इनमें निजी कंपनियों के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के कम से कम एक और अधिकतम चार सार्वजनिक उद्यम होंगे। अन्य क्षेत्रों में, व्यवहार्यता के आधार पर सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उद्यमों (सीपीएसई) का निजीकरण किया जायेगा। वित्त मंत्री ने पैकेज की घोषणा करते हुए कहा था, ‘हम एक पीएसई नीति की घोषणा करना चाहते हैं, जैसा कि एक आत्मनिर्भर भारत को एक सुसंगत नीति की आवश्यकता है। सभी क्षेत्रों को निजी क्षेत्रों के लिये भी खोला जायेगा।’