मुंबई (एजेंसी) : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शोध रिपोर्ट-इकोरैप में अनुमान लगाया गया है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 10.9% की गिरावट आएगी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में देश की अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड 23.9% की गिरावट आई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.2% रही थी। इससे पहले एसबीआई-इकोरैप में वास्तविक जीडीपी में 6.8% की गिरावट का अनुमान लगाया गया था। बीते वित्त वर्ष की चौथी जनवरी-मार्च की तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 3.1% रही थी। शोध रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारे शुरुआती अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष की चारों तिमाहियों में वास्तविक जीडीपी में गिरावट आएगी। पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी में 10.9% की गिरावट आएगी।’रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी में 12 से 15% की गिरावट आएगी। तीसरी तिमाही में यह -5 से -10% के बीच रहेगी। इसी तरह चौथी तिमाही में वास्तविक जीडीपी में 2 से 5% की गिरावट आएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए देश में 25 मार्च, 2020 से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया, जिससे जीडीपी में गिरावट आई।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।