नयी दिल्ली, 13 अक्तूबर (एजेंसी)
सरकार ने बुधवार को पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर मूल सीमा शुल्क को हटा दिया और इसके साथ ही रिफाइंड खाद्य तेलों पर शुल्क में कटौती की है। इस कदम से त्योहारी मौसम में खाद्य तेलों की कीमतें कम करने में मदद मिलेगी। खाद्य तेल उद्योग निकाय एसईए ने कहा कि इससे आसमान छूती खाद्य तेलों की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आ सकती है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 2 अधिसूचनाओं में कहा कि 14 अक्तूबर से प्रभावी आयात शुल्क और उपकर में कटौती 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी। कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर कृषि अवसंरचना विकास उपकर (एआईडीसी) भी कम किया गया है। कच्चे पाम तेल पर इसकी दर अब 7.5 प्रतिशत, जबकि कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के लिए 5 प्रतिशत होगी। पहले उपकर 20 प्रतिशत था, जबकि मूल सीमा शुल्क 2.5 प्रतिशत था। इस कटौती के बाद कच्चे पाम तेल पर प्रभावी सीमा शुल्क 8.25 प्रतिशत होगा। कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी के तेल पर प्रभावी सीमा शुल्क 5.5 प्रतिशत होगा। पहले इन तीन कच्चे तेलों पर प्रभावी शुल्क दर 24.75 प्रतिशत थी। इसके अलावा सूरजमुखी, सोयाबीन, पामोलिन और पाम तेल की परिष्कृत किस्मों पर मूल सीमा शुल्क मौजूदा 32.5 से घटाकर 17.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इन तेलों के रिफाइंड संस्करण पर एआईडीसी नहीं लगता है।
गौर हो कि वैश्विक कारकों और स्थानीय स्तर पर आपूर्ति की कमी के कारण पिछले एक साल में घरेलू खुदरा बाजारों में खाद्य तेल की कीमतों में 46.15 प्रतिशत तक की तेजी आई है।
‘फैसले का समय सही नहीं’
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा, ‘घरेलू बाजार और त्योहारी मौसम में खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के कारण सरकार ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटा दिया है।’ हालांकि, उन्होंने कहा है कि यह इस फैसले के लिए सही समय नहीं है, क्योंकि इससे किसानों की आय प्रभावित हो सकती है। मेहता ने कहा, ‘सोयाबीन और मूंगफली की कटाई शुरू हो गई है। आयात शुल्क कम करने के निर्णय से बाजार की कीमतों में कमी आ सकती है और किसानों को कम कीमत मिल सकती है।’ खुदरा कीमतों पर इस फैसले के प्रभाव के बारे में मेहता ने कहा, ‘रिफाइंड पाम तेल की खुदरा कीमतों में 8-9 रुपये प्रति लीटर की कमी आ सकती है, जबकि रिफाइंड सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की कीमतों में 12-15 रुपये प्रति लीटर की कमी हो सकती है।’