नयी दिल्ली, 4 मार्च (एजेंसी)
सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का फैसला किया है। ईपीएफओ के साथ 5 करोड़ से अधिक सक्रिय अंशधारक जुड़े हुए हैं। ईपीएफओ की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था केन्द्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक श्रीनगर में श्रम एवं रोजगार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत पर बनाये रखने का फैसला किया है। ऐसी अटकलें थीं कि ईपीएफओ इस वित्तवर्ष (2020-21) के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को वर्ष 2019-20 की 8.5 प्रतिशत दर से भी कम कर सकता है। गौर हो कि 2019-20 के लिए दी गई 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर 2012-13 के बाद से सबसे कम थी।
केन्द्रीय न्यासी बोर्ड के फैसले को अब वित्त मंत्रालय को भेजा जायेगा। उसकी मंजूरी के बाद ईपीएफओ अंशधारकों के खातों में चालू वित्त वर्ष के लिये 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि डाल दी जायेगी। ईपीएफओ के एक ट्रस्टी केई रघुनाथ ने कहा कि 8.5 प्रतिशत ब्याज देने के बाद ईपीएफओ के पास करीब 300 करोड़ रुपये का अधिशेष बचेगा।