Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह आज, पढ़ें पूजन का सही समय और पूजा विधि
Tulsi Vivah 2025: आज तुलसी विवाह है। हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप और मां तुलसी का विवाह धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं और विवाह समारोहों की शुरुआत भी इसी दिन से होती है। तुलसी विवाह करने से घर में सुख-समृद्धि, दांपत्य जीवन में प्रेम और स्थिरता आती है।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि 2 नवंबर को प्रातः 7:33 बजे से प्रारंभ होकर 3 नवंबर को सुबह 2:07 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार तुलसी विवाह 2 नवंबर 2025, रविवार को मनाया जाएगा। पूजा का श्रेष्ठ समय सूर्यास्त के बाद गोधूलि बेला (शाम 5:35 से 6:01 बजे तक) माना गया है।
इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर पूजा में सम्मिलित होती हैं। तुलसी के पौधे को दुल्हन की तरह सजाकर पूजा चौकी पर रखा जाता है। शालिग्राम को वर रूप में स्थापित किया जाता है। कलश में जल और आम के पत्ते रखकर दीप प्रज्वलित किया जाता है। फिर हल्दी, तिल और लाल चुनरी अर्पित कर मंगलाष्टक मंत्रों के साथ विवाह संपन्न किया जाता है। अंत में तुलसी की 11 बार परिक्रमा कर भोग लगाया जाता है।
शास्त्री के अनुसार तुलसी विवाह करने से विवाह में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं, ग्रह दोष शांत होते हैं और मनचाहा वर या वधू की प्राप्ति होती है। विवाहित जोड़ों के जीवन में प्रेम, विश्वास और सामंजस्य बढ़ता है।
Panchang 2 November 2025: राष्ट्रीय मिति कार्तिक 11
शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
मास कार्तिक (सौर मास: कार्तिक प्रविष्टे 15)
पक्ष शुक्ल पक्ष
तिथि एकादशी (प्रातः 07:32 तक), उपरांत द्वादशी आरंभ
वार रविवार
अंग्रेजी तिथि 02 नवम्बर 2025 ई.
सूर्य स्थिति दक्षिणायन, दक्षिण गोल
ऋतु हेमन्त ऋतु
राहुकाल सायं 04:30 बजे से 06:00 बजे तक
नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद (सायं 05:04 तक), उपरांत उत्तराभाद्रपद
योग व्याद्यात (अर्धरात्रोत्तर 01:10 तक), उपरांत हर्षण योग
करण वणिज (प्रातः 07:32 तक), उपरांत कौलव करण
विजय मुहूर्त दोपहर 01:55 से 02:39 तक
निशीथ काल रात 11:39 से 12:31 तक
गोधूलि बेला सायं 05:35 से 06:01 तक
चन्द्रमा पूर्वाह्न 11:27 तक कुम्भ राशि, उपरांत मीन राशि में संचार
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।
