Sankashti Chaturthi 2025: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत आज, सुख, शांति और समृद्धि के लिए करें ये काम
Sankashti Chaturthi 2025: आज अखुरथ संकष्टी चतुर्थी है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है। माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं तथा जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि रविवार शाम 6:26 बजे आरंभ होकर सोमवार शाम 4:00 बजे तक रहेगी, इसलिए व्रत रविवार को ही रखा जाएगा और पारण चंद्रमा दर्शन के बाद किया जाएगा। इस दिन भगवान लंबोदर स्वरूप की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। भक्त गणेशजी को मोदक, लड्डू और फलों का भोग अर्पित करते हैं तथा संकष्टों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक व्रत की पूजा विधि सरल और पवित्र मानी जाती है। सर्वप्रथम स्नान करके पवित्र स्थान पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। दीपक जलाकर धूप, लाल पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें।
"ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का 108 बार जप करने से मन को शांति मिलती है और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है। संकष्टी चतुर्थी की कथा का पाठ करना शुभ फलदायी माना गया है। भक्त इस दिन निर्जला या फलाहार व्रत रखते हैं और अंत में भोग का प्रसाद सभी में बांटते हैं। चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है। मान्यता है कि इससे इच्छित फल प्राप्त होता है।
Panchang 7 December 2025: राष्ट्रीय मिति मार्गशीर्ष 16
शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
मास पौष
पक्ष कृष्ण पक्ष
तिथि तृतीया – सायं 06:25 तक, उपरांत चतुर्थी
वार रविवार
सौर मास मार्गशीर्ष, प्रविष्टे 22
अंग्रेजी तिथि 07 दिसम्बर 2025
सूर्य दक्षिणायन
गोल दक्षिण गोल
ऋतु हेमन्त ऋतु
नक्षत्र आद्र्रा – रात्रि 05:13 तक, उपरांत पुनर्वसु
योग शुक्ल – रात्रि 08:20 तक, उपरांत ब्रह्म
करण वणिज – प्रातः 07:51 तक, उपरांत बालव
राहुकाल सायं 04:30 – 06:00
विजय मुहूर्त दोपहर 01:56 – 02:38
निशीथ काल रात 11:46 – 12:40
गोधूलि बेला शाम 05:22 – 05:49
चंद्रमा मिथुन राशि में रात्रि 10:38 तक इसके उपरांत कर्क राशि में
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।
