घटना सनzwj;् 1920 की है । तब डॉ. सैयद महमूद अध्ययन ही कर रहे थे। एक दिन कक्षा में प्रो. स्मिथ ने उनसे गीता के संबंध में जानकारी मांगी। सैयद महमूद को कोई उत्तर न सूझ पड़ा और बोले, ‘महोदय क्षमा करें। मैं इस्लाम धर्म का अनुयायी हूं। मैंने अभी तक गीता नहीं पढ़ी है।’ प्रो. स्मिथ बोले, ‘तुम इस्लाम धर्म के अनुयायी हो तो क्या हुआ? तुम भारतवासी हो और गीता तो भारत का अनमोल खजाना है। तुम्हें गीता अवश्य पढ़नी चाहिए। गीता जैसी पुस्तकें किसी एक सम्प्रदाय की संपत्ति नहीं हो सकती, बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र की संपत्ति है।’
प्रस्तुति : पुष्पेश कुमार पुष्प