एक बार इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया ने वियना के एक प्रख्यात पियानोवादक को अपने महल में बुलाया। उसके सुमधुर पियानोवादन से महारानी भाव-विभोर हो उठीं। उन्होंने उससे बार-बार पियानो बजवाया। अंत में उससे अनुरोध किया कि वह अपने देश आस्ट्रिया का राष्ट्रीय गीत बजाये। राष्ट्रगीत आरंभ होते ही वे उसके सम्मान में अपने आसन पर से उठकर खड़ी हो गयीं और राष्ट्रगीत पूरा होने तक खड़ी रहीं। यह देखकर पियानोवादक के आनंद की सीमा न रही। बाद में उसने भाव-विभोर होकर अपने मित्रों से कहा था, ‘महारानी ने मुझे काफी कीमती हीरे-जवाहरात दिये, लेकिन मेरे राष्ट्रगीत के सम्मान में उनका खड़ा हो जाना मेरे लिए उन कीमती उपहारों से भी अधिक मूल्यवान था।’ प्रस्तुति : पुष्पेश कुमार पुष्प